
माघ पूर्णिमा 2025
माघ पूर्णिमा 2025 : हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। प्रत्येक माह की पूर्णिमा तिथि को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विशेष विधान बताया गया है। इस दिन दान, स्नान और व्रत करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। खासकर माघ पूर्णिमा को बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि यह माघ मास के अंत में आती है और इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और जप-तप करने का विशेष महत्व बताया गया है।
माघ पूर्णिमा 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त
फरवरी 2025 में पड़ने वाली माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त निम्नलिखित है:
- पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 23 फरवरी 2025, रात 09:54 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 24 फरवरी 2025, रात 11:30 बजे
इस दौरान विशेष रूप से सुबह के समय स्नान, दान और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। इस दिन गंगा स्नान करने और ब्राह्मणों को भोजन कराने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
माघ पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
माघ पूर्णिमा को हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। इसे तीर्थ स्नान, व्रत, हवन और दान-पुण्य का महापर्व कहा जाता है। स्कंद पुराण, महाभारत और अन्य धार्मिक ग्रंथों में माघ स्नान और माघ पूर्णिमा का विशेष वर्णन मिलता है।
- भगवान विष्णु की विशेष कृपा: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
- गंगा स्नान का महत्व: मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- दान और व्रत का फल: इस दिन तिल दान, अन्न दान, वस्त्र दान और ब्राह्मणों को भोजन कराने से अक्षय पुण्य मिलता है।
- गुरु पुष्य योग का संयोग: कई बार इस दिन विशेष योग बनते हैं, जिससे इस तिथि का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
माघ पूर्णिमा के दिन क्या करें?
- स्नान और ध्यान: सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी या जलाशय में स्नान करना शुभ माना जाता है।
- भगवान विष्णु की पूजा: इस दिन भगवान विष्णु का विधिपूर्वक पूजन करें और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।
- दान और पुण्य: जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल और घी का दान करें।
- व्रत और उपवास: इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।
- पितरों का तर्पण: इस दिन पितरों के निमित्त तर्पण करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
माघ पूर्णिमा 2025
माघ पूर्णिमा का आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व
माघ पूर्णिमा को चंद्रमा अपनी पूर्ण अवस्था में होता है और इसका असर विशेष रूप से मन और आत्मा पर पड़ता है। इस दिन किए गए दान और पूजन से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।
इस पावन अवसर पर भक्तगण विशेष रूप से गंगा स्नान, तीर्थ यात्रा और भजन-कीर्तन का आयोजन करते हैं। प्रयागराज के संगम, काशी, हरिद्वार और अन्य तीर्थ स्थलों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
माघ पूर्णिमा 2025 एक अत्यंत शुभ और पुण्यदायी अवसर है। इस दिन स्नान, दान, व्रत और भगवान विष्णु की आराधना करने से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। इसलिए इस पावन तिथि पर शुभ कर्मों का अधिक से अधिक पालन करें और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें।
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