
loksabha Election Results
देश में लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आ चुके हैं इन परिणामों में पिछली बार की तुलना मे एनडीए सीटे काफी घट गई है और वहीं भाजपा की भी सीटों में गिरावट आई है | इस चुनाव में भाजपा को सबसे बड़ा झटका उत्तर प्रदेश से लगा है, जहा पूरे देश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा भाजपा के फैजाबाद सीट को हारने को लेकर हो रही है |
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आपको बता दे की फैजाबाद लोकसभा सीट के अंतर्गत अयोध्या शहर आता है जी हां वही अयोध्या शहर जहां प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर है जिसकी प्राण प्रतिष्ठा स्वयं मोदी जी ने 22 जनवरी 2024 को की थी, इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरे देश में एक राम लहर बनाने की बात हो रही थी जी लहर पर सवार होकर भाजपा ने “अबकी बार 400 पार” का नारा दिया था पर कहीं ना कहीं प्रथम दो चरण के बाद भाजपा 400 के आंकड़े से खुद को बचाने लगी। पूरे देश की जनता को यह लग रहा था कि भारतीय जनता पार्टी इस बार राम मंदिर के सहारे अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा इस लोकसभा चुनाव में हासिल करेगी और उत्तर प्रदेश की 80 में 80 सीटों पर जीत दर्ज करेगी | पर मामला पूरा उल्टा नजर आया जहां राम मंदिर का मुद्दा भाजपा के लिए कोई भी विशेष लाभ पूरे देश में नहीं दिला पाया बल्कि उलट इसके उसे उत्तर प्रदेश में भी अपनी सीटे गंवानी पड़ी और सबसे आश्चर्यजनक बात थी कि भारतीय जनता पार्टी को खुद अयोध्या में भी बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा
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तो आईए जानते हैं आखिर किन कर्म से राम के राज्य में बीजेपी का आम जनता ने परित्याग किया
समाजवादी पार्टी की सोशल इंजीनियरिंग
इस लोकसभा चुनाव में फैजाबाद लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी ने बड़ा जुआ खेलना पड़ा अर्थात पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यकों की रणनीति को इस सीट पर साधने का प्रयास किया , यही वजह थी कि सपा ने अवधेश प्रसाद को यहां से टिकट दिया अवधेश प्रसाद पासी समुदाय से आते हैं जो कि उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति में शामिल है ।
सांसद लल्लू सिंह के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी
लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट के सांसद लल्लू सिंह को लेकर आम जनता में काफी आक्रोश था, आम जनता सांसद लल्लू सिंह पर बार-बार निष्क्रिय होने का आरोप लगा रही थी इसके साथ ही जातिगत समीकरण भी लल्लू सिंह के खिलाफ जा रहे थे |
फीका रहा अयोध्या विकास मुद्दा
भारतीय जनता पार्टी पूरे देश में अयोध्या राम मंदिर और अयोध्या के विकास को लेकर एक अलग सलीके का माइंड सेट बनना चाहती थी परंतु यह कारगर सिद्ध नहीं हुआ परंतु समाजवादी पार्टी अपनी पीडीए वाली रणनीति के साथ जनता के बीच गई और इसे जनता के आशीर्वाद के रूप में तब्दील किया
स्थानीय जनता का आक्रोश
अयोध्या में राम मंदिर बनने के साथ-साथ उसके सौंदर्य करण के नाम पर जिस तरीके से मंदिर स्थल के आसपास एवं अन्य जगहों पर तोड़फोड़ एवं बैरिकेडिंग की गई थी जिसके कारण आम नागरिकों को बार-बार पुलिस रूट डायवर्जन और वीआईपी कल्चर से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था इसके साथ ही अयोध्या को जो टूरिज्म स्पॉट बनाने का प्रयास मोदी सरकार कर रही थी उस प्रयास में कई सारी कृषि भूमि को अधिग्रहण किया गया जिससे स्थानीय लोग काफी नाराज थे |