रायपुर: Kharge Statement Controversy : कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा महाकुंभ को लेकर दिए गए बयान पर अब सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है। भाजपा नेताओं ने इस बयान को लेकर कड़ा विरोध जताया है
Kharge Statement Controversy : और इसे हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला बताया है। भाजपा ने खड़गे के बयान के खिलाफ मंगलवार को रायपुर के सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है।
क्या था मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान?
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हाल ही में महाकुंभ के संदर्भ में एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने धार्मिक आयोजन को लेकर कुछ ऐसी टिप्पणियां की थीं, जिनका भाजपा नेताओं ने कड़ा विरोध किया।
भाजपा का कहना है कि खड़गे का यह बयान हिंदू धर्म और उसकी आस्थाओं का मजाक उड़ाने जैसा है। भाजपा नेताओं ने इस बयान को हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया और इसकी कड़ी आलोचना की है।
Kharge Statement Controversy
भा.ज.पा. का आरोप और कार्रवाई:
- भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे का बयान धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है और इस प्रकार के बयान बर्दाश्त नहीं किए जा सकते।
- श्रीवास्तव ने कांग्रेस पार्टी से यह भी स्पष्टीकरण मांगा है कि वह मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान के समर्थन में है या विरोध में।
- भाजपा ने खड़गे के बयान पर कार्रवाई करते हुए रायपुर के सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। इस एफआईआर में खड़गे पर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया गया है।
सियासी घमासान तेज
खड़गे के बयान पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है। भाजपा ने इसे धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश बताया, जबकि कांग्रेस पार्टी ने इसे एक सामान्य बयान करार दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह बयान किसी भी तरह से धार्मिक भावनाओं का अपमान नहीं था।
भाजपा नेताओं ने यह भी कहा कि यदि कांग्रेस इस बयान को सही मानती है, तो उन्हें मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन करना चाहिए और यदि वह इस बयान से सहमत नहीं हैं, तो पार्टी को इसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
आगे की रणनीति
- भा.ज.पा. ने इस मामले को लेकर सड़कों पर उतरने की योजना बनाई है और इसे कांग्रेस के धार्मिक तुष्टिकरण की नीति से जोड़ते हुए आरोप लगा रही है।
- कांग्रेस पार्टी ने भी बयान दिया है कि यह मामला अब राजनीतिक विवाद बन चुका है, लेकिन पार्टी का मानना है कि इसे धर्म से जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
इस विवाद के चलते राजनीति गरमा गई है, और यह मामला आगामी चुनावों में दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच एक बड़ा मुद्दा बन सकता है।
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