बिलासपुर : काहे का टाइगर रिजर्व : प्रदेश में लालफीताशाही की लापरवाही का नतीजा है कि बाघों की तादाद आये दिन गिरती ही जा रही है। राज्य में बचे कुल 19 बाघों में से एक बाघ की संदेहास्पद स्थिति में लाश फिर से बरामद हुई है। ये लाश अचानकमार टाइगर रिजर्व क्षेत्र के लमनी रेंज में मिला है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि ये शव दो से तीन दिन पुराना है। सवाल तो ये उठता है कि अगर बाघ ही सुरक्षित नहीं हैं तो फिर काहे का टाइगर रिजर्व ? इस पर शासन -प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों को सांप सूंघ जाता है।
काहे का टाइगर रिजर्व : घाघ मार रहे हैं बाघ
छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। जहां पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश को ‘टाइगर स्टेट’ का दर्जा प्राप्त है, वहीं छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या में कमी चिंता का विषय बनी हुई है। 2014 में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के अनुसार, राज्य में 46 बाघ थे, जो 2018 में घटकर केवल 19 रह गए। 2022 के टाइगर सेंसस के अनुसार, इस अचानकमार रिजर्व में बाघों की संख्या केवल 5 थी। हालांकि 2024 में हुई नई गणना के अनुसार, बाघों की संख्या बढ़कर 10 हो गई थी , जिसमें 3 बाघ और 7 बाघिन शामिल किए गए थे। वन विभाग के विद्वान अफसरों ने ये नहीं बताया कि इनमें से कितने मध्य प्रदेश से चल कर आये थे।
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