Jharkhand liquor scam: झारखंड शराब घोटाला में ACB की बड़ी कार्यवाही, बिलासपुर में वेलकम डिस्टलरी का संचालक गिरफ्तार, छत्तीसगढ़ से जुड़े हैं तार
Jharkhand liquor scam: बिलासपुर। झारखंड में सामने आए बड़े शराब घोटाले की जांच कर रही एसीबी की टीम ने बिलासपुर में दबिश देते हुए वेलकम डिस्टलरी के संचालक राजेंद्र उर्फ चुन्नू जायसवाल को गिरफ्तार कर लिया। एसीबी की टीम ने सकरी के रामा लाइफ स्थित राजेंद्र जायसवाल के घर में दबिश दी और उसे हिरासत में लिया। बाद में बिलासपुर कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड लिया गया और टीम उसे रांची स्थित एसीबी की विशेष कोर्ट में पेश करने के लिए झारखंड रवाना हो गई।
Jharkhand liquor scam: वेलकम डिस्टलरी पर आरोप है कि कंपनी को झारखंड में शराब आपूर्ति का ठेका मिला था, लेकिन सप्लाई के दौरान कई भयंकर गड़बड़ियां पाई गईं। एसीबी को जांच में ऐसे सबूत मिले हैं जिनसे संकेत मिलता है कि गलत तरीके से शराब सप्लाई की गई और शराब सिंडिकेट के लोगों के साथ मिलकर अनियमितताएँ की गईं। दो महीने तक वेलकम डिस्टलरी से अंग्रेजी शराब की बड़ी मात्रा झारखंड भेजी गई थी, जिसमें गोवा और अन्य ब्रांड की प्रीमियम रेंज शामिल थी।
Jharkhand liquor scam: छत्तीसगढ़ शराब घोटाल से जुड़े हैं तार
इस मामले की कड़ी छत्तीसगढ़ में पकड़े गए 450 करोड़ के शराब घोटाले से भी जुड़ती है। उसी सिंडिकेट में पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर, आबकारी अधिकारी अरुपति त्रिपाठी और अन्य लोग शामिल थे। एसीबी की जांच में सामने आया कि इसी सिंडिकेट के प्रभाव में आकर झारखंड की शराब नीति बदली गई थी और डुप्लीकेट होलोग्राम के सहारे बड़े पैमाने पर शराब बेची गई।
Jharkhand liquor scam: अब तक झारखंड एसीबी सात आरोपियों को जेल भेज चुकी है, जिनमें तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे, पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह भी शामिल हैं। छत्तीसगढ़ से जुड़ी चार प्लेसमेंट एजेंसियों- सुमित फैसिलिटीज, ईगल हंटर साल्यूशंस, ए-टू-जेड इंफ्रा सर्विसेज और प्राइम वन—पर भी सवाल उठ रहे हैं, जिन्हें झारखंड में काम दिया गया था।
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