
जयपुर के जिला न्यायालय ने जयपुर डिस्कॉम को हाईटेंशन लाइन से करंट लगने के कारण दोनों हाथ गंवा चुकी बालिका पायल को 99 लाख रुपए मुआवजा और 2.20 लाख रुपए वाद खर्च देने का आदेश दिया है।
हादसा और पीड़िता की स्थिति
मार्च 2015 में अलवर जिले के मुंडावर थाना क्षेत्र में यह घटना हुई थी, जब 11 केवी हाईटेंशन लाइन से करंट लगने के कारण पायल को अपने दोनों हाथ गंवाने पड़े। करंट की चपेट में आने से एक हाथ कंधे से और दूसरा कोहनी से काटना पड़ा। उस समय पायल घर के पीछे खेल रही थी।
न्यायालय का आदेश
जयपुर जिले के जिला न्यायाधीश अजीत कुमार हिंगर ने इस मामले में आदेश देते हुए कहा कि “बेटी घर की रौनक होती है। यह घटना न केवल पायल के जीवन में शारीरिक और मानसिक पीड़ा लेकर आई है, बल्कि उसके माता-पिता के लिए भी जीवनभर का दर्द बन गई है।”
कोर्ट ने यह भी कहा कि केस करीब आठ साल चला, जिसके दौरान रुपए का अवमूल्यन हुआ। भविष्य में इलाज और जीवनभर के संघर्ष को ध्यान में रखते हुए पायल को 99 लाख रुपए मुआवजा और 6% ब्याज देने का निर्देश दिया गया।
मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया
- 19 जनवरी 2016 से 6% की दर से ब्याज के साथ मुआवजा दिया जाएगा।
- राशि को फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में रखा जाएगा।
- 25 लाख रुपए पायल को 21 वर्ष की उम्र में मिलेंगे।
- शेष राशि 35 वर्ष की उम्र में प्रदान की जाएगी।
डिस्कॉम का तर्क
जयपुर डिस्कॉम ने इसे दैवीय घटना बताया था, लेकिन कोर्ट ने इसे सुरक्षा में चूक मानते हुए फैसला पीड़िता के पक्ष में दिया। यह आदेश न्यायालय की संवेदनशीलता और पीड़िता के अधिकारों की रक्षा का प्रतीक है, जो हादसों से पीड़ित व्यक्तियों को न्याय दिलाने का महत्वपूर्ण उदाहरण बनता है।