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रायपुर में तेलीबांधा थाना क्षेत्र के प्रतिष्ठित दिगंबर जैन मंदिर में हुई चोरी की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। यह घटना न केवल धार्मिक समुदाय को आहत करने वाली थी बल्कि इसमें शामिल व्यक्तियों की पहचान ने भी सबको चौंका दिया। पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि इस चोरी को अंजाम देने वाले और कोई नहीं बल्कि मंदिर के कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य ही थे।
लाखों के आभूषण और सामग्री पर था निशाना
चोरी में लाखों रुपये कीमत के सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, कलश और अन्य कीमती धार्मिक सामग्रियों को चुराया गया। यह घटना मां और उसके दो बेटों की साजिश थी, जिन्होंने मिलकर इस पवित्र स्थान को अपना शिकार बनाया।
कैसे दिया वारदात को अंजाम
जांच में पता चला कि मां और बेटों ने पहले मंदिर के अंदर की जानकारी जुटाई। उन्होंने मंदिर की गतिविधियों और सुरक्षा प्रबंधों का बारीकी से अध्ययन किया। घटना की रात उन्होंने मंदिर के भीतर जाकर कीमती सामग्रियों को चुराया और फिर उसे ठिकाने लगाने का प्रयास किया।
पुलिस की सक्रियता से हुआ खुलासा
तेलीबांधा थाना पुलिस ने मामले की जांच के दौरान मंदिर के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। तकनीकी जांच और गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने मंदिर के कर्मचारियों पर संदेह जताया। कड़ी पूछताछ में आखिरकार मां और बेटों ने चोरी की बात स्वीकार कर ली।
समुदाय में रोष और आक्रोश
इस घटना से जैन समुदाय में गहरी नाराजगी है। मंदिर प्रबंधन और भक्तों ने दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। वहीं, पुलिस ने चोरी का सामान बरामद कर लिया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना ने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और मंदिर प्रबंधन से इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की मांग की जा रही है।
मामला अब न्यायालय में है, और पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या इस घटना में और कोई शामिल था। इस घटना से यह संदेश मिलता है कि अपराधी चाहे कितनी भी चालाकी क्यों न बरतें, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते।
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