
नई दिल्ली: भारत ने अंतरिक्ष अनुसंधान में एक और बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने हाल ही में चंद्रयान-5 मिशन को हरी झंडी दी है, जिसका लक्ष्य 2040 तक चंद्रमा पर भारतीय अंतरिक्ष यात्री को उतारना है। इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने घोषणा की कि यह मिशन भारत को अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। इसके साथ ही, इसरो 2035 तक “भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन” स्थापित करने की योजना पर भी काम कर रहा है।
चंद्रयान-4 और 5 की रूपरेखा
नारायणन ने बताया कि चंद्रयान-4 का उद्देश्य चंद्रमा से नमूने एकत्र कर पृथ्वी पर लाना है, जबकि चंद्रयान-5 (LuPEX) में 350 किलोग्राम का उन्नत रोवर होगा। यह मिशन जापान के सहयोग से तैयार किया जा रहा है और इसमें बेहतर लैंडिंग तकनीक का इस्तेमाल होगा, जो भविष्य के मानव मिशन के लिए आधार तैयार करेगी। चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक सफलता के बाद इसरो का आत्मविश्वास बढ़ा है।
अंतरिक्ष स्टेशन और वैश्विक पहचान
इसरो प्रमुख ने कहा, “हमारा सपना है कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री स्वदेशी रॉकेट से चंद्रमा तक जाएं और सुरक्षित लौटें।” भारत ने अब तक 131 स्वदेशी और 433 विदेशी उपग्रह लॉन्च किए हैं, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं। तमिलनाडु के कुलसेकरपट्टिनम में नया लॉन्चपैड भी छोटे उपग्रहों के लिए तैयार हो रहा है, जिसकी नींव 28 फरवरी 2024 को पीएम मोदी ने रखी थी।
सूर्य मिशन और उपलब्धियां
नारायणन ने गर्व से कहा कि भारत सूर्य का अध्ययन करने वाला चौथा देश बन गया है। चंद्रयान-1 ने चंद्रमा पर पानी खोजा, चंद्रयान-3 ने दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग की, और अब सूर्य अगला लक्ष्य है। उन्होंने चंद्रयान-2 की असफलता को भी याद किया, लेकिन इसे प्रेरणा का स्रोत बताया। इसरो अब वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में अपनी धाक जमा रहा है।
सम्मान और समर्थन
एक समारोह में नारायणन ने पीएम मोदी और सरकार का आभार जताया। इस मौके पर पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन सहित कई हस्तियां मौजूद थीं। भारत का अंतरिक्ष सपना अब हकीकत की ओर बढ़ रहा है।
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