Check Webstories
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के शेष दो मुकाबले क्रमशः मेलबर्न और सिडनी में खेले जाएंगे। इस सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम में 19 वर्षीय युवा बल्लेबाज सैम कोंस्टास को शामिल किया गया है। कोंस्टास को घरेलू टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड में शानदार प्रदर्शन का इनाम मिला है। इसके साथ ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री एकादश की ओर से भारत के खिलाफ वार्मअप मैच में शतक लगाया था और बिग बैश लीग (BBL) में भी अर्द्धशतकीय पारी खेली थी।
नथन मैकस्वीनी की अनदेखी और सैम कोंस्टास का मौका
कोंस्टास के शानदार प्रदर्शन के बावजूद, भारत के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज के तीन मैचों में नाथन मैकस्वीनी को कोंस्टास पर तरजीह दी गई थी। लेकिन, मैकस्वीनी ने उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया, जिससे उन्हें अब ऑस्ट्रेलियाई चयनकर्ताओं ने टीम से बाहर कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप, अब भारत के खिलाफ मेलबर्न में खेले जाने वाले चौथे टेस्ट मैच में सैम कोंस्टास के खेलने की संभावना जताई जा रही है।
यदि कोंस्टास को इस मुकाबले के लिए ऑस्ट्रेलियाई प्लेइंग इलेवन में जगह मिलती है, तो वह इतिहास रच सकते हैं। वह 19 वर्ष 85 दिन की उम्र में टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे कम उम्र के ओपनर बन जाएंगे। इस उम्र में वह सर डॉन ब्रैडमैन के साथ ओपनिंग करने वाले आर्चीबाल्ड जैक्सन को पीछे छोड़ देंगे, जिन्होंने 1928/29 एशेज सीरीज में 19 वर्ष 149 दिन की उम्र में टेस्ट डेब्यू किया था।
आर्चीबाल्ड जैक्सन का छोटा करियर
आर्चीबाल्ड जैक्सन का करियर बेहद छोटा रहा, क्योंकि वह क्षय रोग (टीबी) के शिकार हो गए थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए कुल 8 टेस्ट मैच खेले और 47.40 की औसत से 474 रन बनाए। उनका निधन मात्र 23 वर्ष की आयु में हुआ था।
माइकल क्लार्क की निराशा
वहीं, नाथन मैकस्वीनी की अनदेखी पर ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज माइकल क्लार्क ने निराशा व्यक्त की है। उनका मानना है कि मैकस्वीनी को अधिक मौके मिलने चाहिए और इस तरह की अनदेखी से उनका करियर खत्म हो सकता है।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.