बिलासपुर जोन में रेल यात्रियों की बढ़ती परेशानियाँ

बिलासपुर जोन में रेल यात्रियों की बढ़ती परेशानियाँ

बिलासपुर : भारत की लाइफ लाइन कही जाने वाली रेल, अपनी पूरी रफ्तार के साथ पूरे देश में दौड़ रही है लेकिन इसी रेल को सबसे ज्यादा कमाई करके देने वाला बिलासपुर जोन और जोन में सफर करने वाले यात्री रेलवे की मनमर्जी का दंश झेल रहे हैं

दरअसल मुंबई हावड़ा के बीच संपर्क स्थापित करने वाला बिलासपुर जोन पिछले कुछ सालों में ट्रेन रद्द और लेट लतीफ का बुरी तरह से शिकार हो चुका है जिसकी वजह से यात्रियों के साथ-साथ इस ट्रेनों से रोजी-रोटी चलने वाले लोगों की अर्थव्यवस्था भी चरमरा गई है देखिए यह खास रिपोर्ट..

सबसे आसान और सस्ता परिवहन मध्य रेलवे है और रोजाना लाखों की संख्या में लोग इसमें सफ़र करते हैं लेकिन बिलासपुर से अलग-अलग क्षेत्र में रेल के माध्यम से सफर करने वाले यात्री पिछले कुछ सालों में बहुत अधिक परेशान नजर आ रहे हैं एक तरफ रेलवे आधुनिकता की दौड़ में सरपट भाग रहा है

लेकिन दूसरी ओर अलग-अलग कामों का कारण बताकर यात्री ट्रेनों को रद्द करने का काम भी रेलवे द्वारा किया जा रहा है दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर भारतीय रेल की रेल की हड्डी के समान है क्योंकि सबसे अधिक कमाई करके देने

वाला यह जोन यात्रियों के लिए परेशानी का सबक बना हुआ है.. लेकिन जनता द्वारा चुने गए सरकार के नुमाईदें भी अब जनता की इस परेशानी को लेकर ट्रेनों को वापस पटरी में लौटाने की जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं,

 ट्रेनों के रद्द होने और लेट लतीफ के वजह से सिर्फ यात्री ही परेशान नहीं है बल्कि रेलवे और ट्रेनों से जुड़कर अपने परिवार का पालन पोषण करने वाले लोग भी ट्रेनों की लत लाती थी और बंद होने की वजह से अत्यधिक परेशानी में नजर आ रहे हैं

कोरोना काल से ही ट्रेनों को लेकर शुरू हुआ या नया अध्याय खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है चाहे वह स्टेशन में जिंदगी काटने वाले कुली हो या फिर बड़े सफर के बाद घर तक पहुंचने वाले ऑटो वाले हो सभी की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो चुकी है..

प्रदेश और केंद्र में एक ही सरकार बिलासपुर से केंद्रीय राज्य मंत्री होने के बावजूद भी तोखन साहू ना तो जनता की समस्या को सरकार तक पहुंचा रहे हैं और ना ही जनता की समस्या को सुनने के लिए उन तक पहुंच पा रहे हैं..

 रेलवे से जुड़े व्यवसाय के व्यवसायी रेलवे के रद्द होने और लेट लतीफ की पूरी जिम्मेदारी रेलवे और सरकार को मान रहे हैं नहीं सरकार की उदासीनता को लेकर भी लोगों के मन में गुस्सा लेने लगा है जनता का वोट पाकर उनके मुद्दे को भूल जाना अब नेताओं की आदत हो गई है

ऐसा आप भी खुलकर लोग लग रहे हैं.. आप भी सुनिए रेलवे की उदासीनता को लेकर आखिर कुली और ऑटो स्टैंड समेत तमाम लोगों की राय सरकार के खिलाफ ही है..

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 रेलवे की उदासीनता और सरकार की निष्क्रियता को लेकर जनता और रेलवे से जुड़े रोजी-रोटी चलने वाले कर्मचारियों के अंदर भारी गुस्सा देखने को मिल रहा है और अगर रेलवे जल्दी इस पर कोई ठोस कदम उठाकर ट्रेनों के परिचालन को वापस शुरू नहीं करती तब तक यह गुस्सा खत्म होने का नाम नहीं

लगा इतना ही नहीं केंद्रीय राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे तोखन साहू को भी गंभीरता दिखाते हुए इस और पहल करने की आवश्यकता है ताकि दूर-दराज से आने जाने वाली जनता ट्रेनों की लेट लतीफी और बंद की मार झेलते-झेलते परेशान ना हो जाए.

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