
Gwalior Regional Tourism Conclave-2025
Gwalior Regional Tourism Conclave-2025: ग्वालियर। मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग को पर्यटन के नक्शे पर एक विशेष पहचान दिलाने के लिए आयोजित ‘ग्वालियर रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव 2025’ ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस कॉन्क्लेव में निवेशकों ने ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग में 3500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की इच्छा जताई है, जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
Gwalior Regional Tourism Conclave-2025: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का संदेश
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कॉन्क्लेव में कहा कि यह आयोजन ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग के पर्यटन विकास की अपार संभावनाओं को उजागर करता है। उन्होंने बताया कि इस कॉन्क्लेव में 25 से अधिक प्रमुख निवेशकों, 125 से अधिक ट्रैवल-टूर ऑपरेटरों, 500 से अधिक हितधारकों और स्थानीय कलाकारों ने हिस्सा लिया। द्विपक्षीय संवाद और पर्यटन निवेश की संभावनाओं पर हुई चर्चा से भविष्य में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
सीएम ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश बदल रहा है। ग्वालियर का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व इसे पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाता है। यह क्षेत्र आगरा, मथुरा, और दिल्ली के करीब है, जो इसे धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के लिए आदर्श बनाता है। ग्वालियर का किला, तानसेन और बैजू बावरा की संगीतमय विरासत, और मितावली-पड़ावली का चौंसठ योगिनी मंदिर इस क्षेत्र की समृद्धि के प्रतीक हैं।”
Gwalior Regional Tourism Conclave-2025: निवेश और रोजगार के नए अवसर
कॉन्क्लेव में सात जमीनों के लिए छह निवेशकों को लेटर ऑफ अलॉटमेंट जारी किए गए, जिसके तहत 60 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। इन जमीनों पर होटल, रिसॉर्ट, और इको-टूरिज्म यूनिट्स का निर्माण किया जाएगा, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के असंख्य अवसर पैदा होंगे। इसके अलावा, इंडिगो कंपनी ने अपने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत ग्वालियर के किलों के संरक्षण और विकास के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि देने की घोषणा की है।
Gwalior Regional Tourism Conclave-2025: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का केंद्र
मुख्यमंत्री ने ग्वालियर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह क्षेत्र न केवल अपने किलों और महलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि संगीत और आध्यात्मिकता का भी गढ़ है। उन्होंने मितावली-पड़ावली के चौंसठ योगिनी मंदिर का जिक्र करते हुए बताया कि यह भारत की पुरानी लोकसभा भवन की डिजाइन का आधार रहा है। साथ ही, नई संसद भवन का डोम सांची स्तूप से प्रेरित है, जो मध्यप्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है।
Gwalior Regional Tourism Conclave-2025: पर्यटन को नई दिशा
कॉन्क्लेव में ग्वालियर-चंबल और सागर संभाग में पांच से सात सितारा होटल और रिसॉर्ट की सुविधाएं विकसित करने पर जोर दिया गया। इससे पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी और क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। सीएम ने कहा कि यह आयोजन मध्यप्रदेश को पर्यटन के क्षेत्र में वैश्विक मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।