
GST Slab Change
GST Slab Change: नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के मौजूदा ढांचे में बड़ा बदलाव होने के संकेत मिल रहे हैं। केंद्र सरकार अब 12 प्रतिशत टैक्स स्लैब को पूरी तरह खत्म करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस बदलाव की अगुवाई केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह कर रहे हैं, जो सभी राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ व्यापक सहमति बनाने की दिशा में चर्चा शुरू करने जा रहे हैं। यह कदम लंबे समय से लंबित टैक्स सरलीकरण प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
क्यों हटेगा 12% स्लैब?
GST परिषद लंबे समय से टैक्स स्लैब को सरल करने पर विचार कर रही है। फिलहाल देश में 0%, 5%, 12%, 18% और 28% सहित कई टैक्स दरें लागू हैं, जिससे सिस्टम जटिल हो गया है। 12% टैक्स स्लैब में आने वाले कुछ उत्पादों को अब 5% और कुछ को 18% स्लैब में शिफ्ट करने का प्रस्ताव है।
इस बदलाव से:
- टैक्स सिस्टम सरल होगा।
- मल्टी-रेट स्ट्रक्चर में एकरूपता आएगी।
- प्रशासनिक प्रक्रिया आसान होगी।
हालांकि, इसका सबसे बड़ा असर राजस्व पर पड़ेगा। अनुमान है कि इस बदलाव से केंद्र और राज्य सरकारों को सालाना लगभग 70,000 से 80,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
अमित शाह निभाएंगे बड़ी भूमिका
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए अमित शाह अब राज्यों के साथ गहन चर्चा शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी बैठक की है। इसका उद्देश्य है विवादित मुद्दों को सुलझाकर सर्वसम्मति बनाना, क्योंकि ऐसे फैसले जीएसटी परिषद की एक बैठक में पारित नहीं हो सकते।
राज्यों की अलग-अलग मांगें
सभी राज्य इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हैं। कुछ गैर-भाजपा शासित राज्य लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस पर GST 18% से घटाकर 5% करने की मांग कर रहे हैं, जबकि कुछ राज्य इन्हें पूरी तरह टैक्स फ्री करने की बात कर रहे हैं। इस वजह से सहमति बनाना चुनौतीपूर्ण होगा।
किन वस्तुओं पर होगा असर?
12% टैक्स स्लैब में फिलहाल कई जरूरी वस्तुएं आती हैं, जैसे:
खाद्य उत्पाद: गाढ़ा दूध, ड्राई फ्रूट्स, सॉस, फ्रूट जूस
घरेलू सामान: कपास/जूट के बैग, फर्नीचर, सिलाई मशीन
मेडिकल उत्पाद: ऑक्सीजन, पट्टियां, डायग्नोस्टिक किट
2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, 18% स्लैब से GST का 70-75% राजस्व आता है, जबकि 12% स्लैब से केवल 5-6% ही। इस हिसाब से सरकार का तर्क है कि 12% स्लैब को खत्म करना व्यावहारिक और रणनीतिक दोनों दृष्टियों से उचित है।
चार साल से चल रही है चर्चा
GST दरों को सरल बनाने पर 2021 से गंभीर चर्चा जारी है। सितंबर 2021 में परिषद ने इसकी जरूरत को स्वीकार किया था। लेकिन फरवरी 2024 तक भी 12% स्लैब को बनाए रखने का प्रस्ताव सामने आया था, जो इस प्रक्रिया की गति को धीमा करता रहा। अब इस पर पुनर्विचार तेज होने की उम्मीद है।
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