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राजनांदगांव। गोला ने ऐसे पुलिस भर्ती का राज़ खोला : पूरे छत्तीसगढ़ में आरक्षक भर्ती प्रकिरिया के दौरान राजनांदगांव में गोला ने ऐसे पुलिस भर्ती का राज़ खोला कि सभी चकरा गए। गोला थ्रो में एक युवती को 11 अंक मिले थे, मगर उसकी जगह 20 अंक दर्ज़ किये गए थे। कम अंक मिलने के बाद भी अधिक अंकों की एंट्री की शिकायत के बाद डीएसपी अनुप्रिया ठाकुर ने एफआईआर दर्ज कराई है। इस मामले में अब किन-किन की संलिप्तता रही है, इसकी जांच की जा रही है।
गोला ने ऐसे पुलिस भर्ती का राज़ खोला : जानें क्या हुआ था उस रोज
दरअसल लालबाग थाने में दर्ज एफआईआर के मुताबिक डीएसपी अनुप्रिया ठाकुर को भर्ती प्रक्रिया के तहत गोला फेंक इवेंट का प्रभारी बनाया गया था । इसी इवेंट के तहत जब उन्होंने दर्ज अंकों को चेक किया तो पाया कि एक महिला अभ्यर्थी को 20 अंक मिला है। जबकि इवेंट के दौरान किसी भी अभ्यर्थी ने 20 अंक हासिल नहीं किए थे। ऐसे में उन्होंने इसकी पड़ताल करने के लिए मैनुअल दर्ज किए गए अंकों के साथ ही सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की। उसमें अंकों से छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद उन्होंने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
गोला थ्रो में ऐसे हुआ गोलमाल
असल में पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में प्रत्येक अभ्यर्थी को मात्र एक अवसर ही प्रदान करने का प्रावधान है, किन्तु उक्त प्रकरण में अनुचित तरीके से अभ्यर्थी मीना को लाभ पहुंचाने के लिए प्रकिया से छेड़छाड़ कर वास्तविक रूप से प्राप्त 11 अंक के रिजल्ट को संशोधित करते 20 अंक दर्ज किया गया है। उक्त प्रकरण में तकनीकी टीम, पुलिस स्टॉफ एवं अन्य के शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। प्रकरण के परिलक्षित होने के उपरांत इस प्रकार के अन्य प्रकरण होने की संभावना है, जिस पर कूटरचना एवं धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करने हेतु एफआईआर कराई गई है।
पुलिस अधीक्षक ने दिखाई सख़्ती
16 नवंबर से आरक्षक पद पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी। इस दौरान पासिंग रिजल्ट के अंकों में कुछ गड़बड़ियां नजर आई। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया और भर्ती प्रक्रिया का डेटा चेक कराया। जिसमें कई खामियां सामने आई।
क्या कहते हैं एसपी
इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के डेटा टाइमिंग टेक्नोलॉजी को लेकर गहन अध्ययन कराया गया। इसमें गड़बड़ी नजर आई। उन्होंने कहा कि इसके बाद हैदराबाद की कंपनी जो भर्ती प्रक्रिया करवा रही थी, उससे डिटेल मांगा गया। जिसमें कई विसंगतियां मिली। 20 से अधिक प्रतिभागियों का डेटा संदेहास्पद मिला। जिसकी सीसीटीवी फुटेज निकलवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि डेटा ऑपरेटर द्वारा ऐसे माक्स की एंट्री की गई, जो कैंडिडेट ने अटेम्प्ट नहीं किया था। उन्होंने कहा कि इसमें बड़े स्तर की जालसाजी हुई है।
लालबाग थाने में दर्ज़ हुई एफआईआर
इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी नजर आने के बाद सीसीटीवी फुटेज से वास्तविक डेटा कंफर्म होने के बादं इस मामले में भर्ती प्रक्रिया में गोला फेंक प्रभारी रही डीसीपी अजाक अनुप्रिया ठाकुर द्वारा लालबाग थाना में एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
क्या कहते हैं विधान सभा अध्यक्ष
भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आने के मामले को लेकर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी होगी तो एफआईआर भी की जाएगी और गड़बड़ी करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी ।
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