पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंगासागर मेले को अनदेखा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र कुंभ मेले के लिए करोड़ों रुपये खर्च करता है, लेकिन गंगासागर मेले के लिए कोई सहायता नहीं दी जाती।
गंगासागर के विकास पर महंत से अपील
ममता बनर्जी ने गंगासागर में विकास और कटाव रोकने के लिए महंत से दान का एक हिस्सा इस कार्य में खर्च करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अगर दान का कुछ हिस्सा गंगासागर के संरक्षण और विकास में लगाया जाए, तो यह क्षेत्रीय विकास के लिए फायदेमंद साबित होगा।
मुरीगंगा नदी पर पुल का ऐलान
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने मुरीगंगा नदी पर पुल बनाने का वादा किया था, लेकिन अब तक इसे पूरा नहीं किया गया। ममता बनर्जी ने घोषणा की कि राज्य सरकार इस पुल का निर्माण अपने खर्च पर करेगी ताकि स्थानीय लोगों को राहत मिल सके।
बांग्लादेश से मछुआरों की वापसी
ममता बनर्जी ने बताया कि राज्य सरकार की पहल से बांग्लादेश में कैद 95 मछुआरों को छुड़ाकर वापस लाया गया। मछुआरों ने बताया कि बांग्लादेश में उनके साथ बुरा बर्ताव किया गया। मुख्यमंत्री ने इन मछुआरों को ₹10,000 की आर्थिक सहायता दी और आश्वासन दिया कि सरकार उनकी अन्य जरूरतों का भी ख्याल रखेगी।
मछुआरों के लिए कार्ड सिस्टम की सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने मछुआरों को एक कार्ड प्रदान किया था, जिससे उनकी लोकेशन का पता लगाना आसान हो जाता है। इसी व्यवस्था की वजह से प्रशासन ने मछुआरों की स्थिति का पता लगाया और उन्हें सुरक्षित वापस लाया।
कुंभ और गंगासागर की तुलना पर सवाल
ममता बनर्जी ने कुंभ मेले और गंगासागर मेले की तुलना करते हुए केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले पर केंद्र सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन गंगासागर के लिए कोई सहायता नहीं दी जाती। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई कि वह गंगासागर के विकास के लिए हर संभव कदम उठाएगी और केंद्र सरकार से भी इस दिशा में ध्यान देने की अपील की।
यह बयान गंगासागर मेले और क्षेत्र के विकास को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच बढ़ती खींचतान को उजागर करता है।
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