Ganesh Chaturthi 2024 :बालोद : आज गणेश चतुर्थी है….गणेश चतुर्थी के दिन आज हम आपको बप्पा के ऐसे मंदिर में ले चलते हैं जहां की कहानी अद्भूत है….भगवान गणेश तीन बार अलग अलग लोगों के सपने में आये और आज मंदिर बनकर तैयार हो गया….जहां गणेश चतुर्थी पर नवरात्र की तरह अखंड ज्योत जलती है।
बालोद जिला मुख्यालय से 40 किमी दूर बसा है परसुली गांव….जहां भगवान गणेश की अनोखी प्राचीन प्रतीमा है…..भगवान गणेश के सिर पर शेष नाग बना हुआ है….जो जमीन के भीतर से निकला है….भगवान गणेश के सिर पर शेष नाग देखकर ग्रामीणों ने उसे शेष गणेश नाम दिया…..
पुजारी बताते हैं कि लगभग 300 साल पहले बप्पा गांव के एक व्यक्ति के सपने में आये….और परसुली गांव के ग्रामीण एक साथ सैकड़ों की संख्या में परसुली, खैरा और खेरथा गांव की सीमा में पहुंचे….जहां जमीन के अंदर जब खुदाई की गई तो बप्पा के सिर पर शेष नाग की छत्रछाया के साथ भगवान गणेश की प्रतिमा निकली…..
जिसके बाद ग्रामीणों ने 12 बैलों की बैलगाड़ी तैयार की…..जिसके सामने कपड़ा बिछाते हुए नारियल रखकर भगवान गणेश की प्रतिमा को गांव तक लाया और गांव के भीतर पीपल पेड़ के नीचे स्थापित कर दिया।
पुजारी देवनाथ सोनकर बताते हैं कि लगभग 40 साल पहले भगवान गणेश उनके सपने में आये….और सपने में ज्योत जलता दिखा….उसी समय से हर साल गणेश चतुर्थी में ग्यारह दिनों तक अखंड ज्योत इस मंदिर में जलता है….
Ganesh Chaturthi 2024 :
पहले शुरूआत में मंदिर में एक ह ज्योत जलता था….लेकिन देखते ही देखते कई भक्तों ने अपनी आस्था के दीपक मंदिर में जलाना शुरू कर दिया और अब 100 से अधिक ज्योत मंदिर में हर साल जलते हैं। जब भगवान गणेश पीपल पेड़ के नीचे खुले में विराजमान थे उसी दौरान गांव के सरपंच के सपने में भगवान गणेश आये और मंदिर बनाने के लिए उन्हें आदेश दिया….जिसके बाद सरपंच ने भगवान गणेश के लिए चबुतरा तैयार कर मंदिर का निर्माण किया…. समय के साथ साथ मंदिर के निर्माण में कई भक्तों ने योगदान दिया….मंदिर में खास बात यह है कि सैंकड़ो साल पुराने पीपल पेड़ की टहनियां टूटकर जमीन पर गिरती है लेकिन मंदिर और प्रतिमा को कोई नुकसान नहीं होता। Balod Big Breaking : प्रधानपाठक आत्महत्या मामले में बड़ा खुलासा, सुसाइड नोट में लिखा पूर्व वन मंत्री मोहम्मद अकबर का नाम कहते हैं बप्पा विघ्नहर्ता हैं और लोगों की मनोकामना पूरी करते हैं, दूख दूर करते हैं….दूर्ग की रहने वाली पांच साल की खुशबु जब भी अपने नाना के घर परसुली आई तब नाना का तबियत ठीक नहीं था….खुशबु तुरंत शेष गणेश के मंदिर पहुंची और उस पर जल चढ़ाकर उसी जल को अपने नाना के लिए जल लेकर गई….कुछ दिन बाद नाना ठीक हो गये।Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
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