
Gaganyaan Mission
Gaganyaan Mission: नई दिल्ली: भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की दिशा में एक और अहम मील का पत्थर हासिल करते हुए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने सर्विस मॉड्यूल प्रोपल्शन सिस्टम (SMPS) के विकास और उसके सभी अनिवार्य परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए हैं। इसरो ने शनिवार को जानकारी दी कि शुक्रवार को इस सिस्टम का 350 सेकंड (लगभग 6 मिनट) का हॉट टेस्ट किया गया, जिसका उद्देश्य मिशन के दौरान किसी भी गड़बड़ी या आपात स्थिति (मिशन एबॉर्ट) में इसकी कार्यक्षमता की जांच करना था।
Gaganyaan Mission: गगनयान मिशन भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, और इसमें उपयोग होने वाला यह SMPS सिस्टम दो तरह के ईंधन से संचालित होता है। इसका मुख्य कार्य रॉकेट को सही कक्षा में स्थापित करना, दिशा नियंत्रण करना, गति नियंत्रित करना और आपातकालीन स्थिति में अंतरिक्ष यात्रियों को सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाना है।
Gaganyaan Mission: इसरो ने इस प्रणाली का परीक्षण करने के लिए एक विशेष सिस्टम डेमोंस्ट्रेशन मॉडल (SDM) तैयार किया था, जिसमें ईंधन टैंक, हीलियम गैस प्रेशर सिस्टम और थ्रस्टर जैसे अहम हिस्से शामिल थे। इस मॉडल पर कुल 25 परीक्षण किए गए, जिनकी कुल अवधि 14,331 सेकंड रही। ये परीक्षण सामान्य स्थितियों के साथ-साथ कई चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किए गए ताकि सिस्टम की विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सके।
Gaganyaan Mission: इस उन्नत प्रोपल्शन सिस्टम को इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (LPSC) ने डिजाइन किया है और इसका परीक्षण तमिलनाडु के महेंद्रगिरी स्थित इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (IPRC) में किया गया। इस सफल परीक्षण के साथ गगनयान मिशन को मजबूती मिली है और यह ऐतिहासिक मिशन अपने लॉन्च की ओर एक और ठोस कदम बढ़ा चुका है।