
बुरहानपुर: बुरहानपुर में एक ऐतिहासिक घटना घटी जब डॉक्टर अनुपमा दीक्षित ने अपने पिता 82 वर्षीय प्रो. अशोक शर्मा को मुखाग्नि दी। यह पहली बार है जब ब्राह्मण समाज में किसी बेटी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी है।
डॉ. अनुपमा ने नम आंखों से पिता की अर्थी को कांधा दिया और हांडी उठाकर अंतिम संस्कार किया। उनके अंतिम संस्कार में उनकी तीनों बेटियां अनुपमा, अरुणिमा, और निरुपमा पूरे समय मौजूद रही। शवयात्रा मोमिनपुरा से निकाली गई और अंतिम संस्कार नागझिरी घाट पर हुआ। अंतिम यात्रा में पूर्व विधायक ठाकुर सुरेंद्र सिंह, कांग्रेस नेता अजय रघुवंशी, और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
प्रो. अशोक शर्मा, जो जबलपुर के निजी कॉलेज में प्राचार्य रहे और भारत सरकार के केंद्रीय गुप्तचर विभाग में भी सेवाएं दीं, एक साहित्यकार भी थे। उनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं और वे मूलतः बैतूल के निवासी थे।