
Flooding on Nepal-China border
Flooding on Nepal-China border : काठमांडू/रसुवा: नेपाल के रसुवा जिले में अचानक आई भीषण बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। सोमवार रात से हो रही मूसलधार बारिश के चलते भोटेकोशी नदी में जलस्तर अचानक खतरनाक रूप से बढ़ गया, जिससे नेपाल-चीन सीमा पर जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। इस विनाशकारी बाढ़ में अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है और 19 लोग लापता बताए जा रहे हैं। मरने वालों में नेपाली नागरिकों के साथ-साथ चीन के 6 नागरिक और नेपाल पुलिस के 3 सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। बाढ़ ने नेपाल और चीन को जोड़ने वाले प्रमुख फ्रेंडशिप ब्रिज (मितेरी पुल) को भी पूरी तरह नष्ट कर दिया, जो दोनों देशों के बीच व्यापार और आवागमन का मुख्य मार्ग था।
Flooding on Nepal-China border : राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण और प्रबंधन प्राधिकरण (NDRRMA) के महानिदेशक दिनेश भट्ट ने जानकारी दी कि बाढ़ में अब तक एक व्यक्ति घायल हुआ है, जबकि 57 लोगों को सफलतापूर्वक बचाया जा चुका है। नेपाल सरकार ने इस त्रासदी में जान गंवाने वालों के परिजनों को ₹2-2 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। बाढ़ का सबसे अधिक असर राजधानी काठमांडू से लगभग 120 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित रसुवा जिले में पड़ा है, जहां मंगलवार तड़के करीब 3:15 बजे जलप्रलय ने तबाही मचाई।
Flooding on Nepal-China border : तेज बहाव के कारण मितेरी पुल के साथ-साथ रसुवागढ़ी जलविद्युत परियोजना और नेपाल-चीन सीमा पर स्थित ड्राई पोर्ट के कई हिस्से भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। नदी में आई बाढ़ से 23 मालवाहक कंटेनर, 6 ट्रक और 35 इलेक्ट्रिक वाहन बह गए। इसके अलावा, जिले की चार प्रमुख जलविद्युत परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है, जिससे नेपाल के राष्ट्रीय ग्रिड को 211 मेगावाट बिजली की आपूर्ति बाधित हुई है। इससे पूरे क्षेत्र में बिजली संकट गहराने की आशंका जताई जा रही है।
Flooding on Nepal-China border : प्रारंभिक रिपोर्टों में यह संकेत मिला है कि इस आपदा का कारण अत्यधिक बारिश नहीं, बल्कि सीमा क्षेत्र में स्थित किसी ग्लेशियल लेक (हिम झील) के अचानक फटने से आई बाढ़ हो सकती है। क्योंकि दोनों देशों की ओर सामान्य से ज्यादा बारिश नहीं हुई थी, इसके बावजूद जलस्तर अचानक 3.5 मीटर तक बढ़ गया, जो एक बेहद असामान्य स्थिति मानी जा रही है। अब विशेषज्ञों की मदद से इस घटना के वास्तविक कारणों की गहराई से जांच की जा रही है ताकि भविष्य में इस प्रकार की आपदाओं से बचाव की योजना बनाई जा सके।
Flooding on Nepal-China border : राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहे हैं। करीब 343 सुरक्षाकर्मियों को राहत अभियान में लगाया गया है, वहीं नेपाल सेना का एक हेलीकॉप्टर भी खोज और बचाव कार्यों में जुटा है। नेपाल प्रशासन ने राहत कार्यों में चीन के अधिकारियों से भी सहयोग मांगा है और अंतरराष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केंद्र (ICIMOD) की विशेषज्ञता का लाभ लेने की योजना बनाई गई है। इस त्रासदी ने न केवल दोनों देशों के बीच के संपर्क को बाधित किया है, बल्कि पर्यावरणीय असंतुलन और आपदा प्रबंधन की चुनौतियों को भी एक बार फिर सतह पर ला दिया है।
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