
फतेहपुर: नूरी जामा मस्जिद का अवैध हिस्सा बुलडोजर से ध्वस्त, हाईवे चौड़ीकरण के लिए हुई कार्रवाई
फतेहपुर जिले के ललौली कस्बे में स्थित नूरी जामा मस्जिद के अवैध हिस्से को शुक्रवार सुबह बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई बांदा-सागर मार्ग के हाईवे चौड़ीकरण के तहत की गई। मस्जिद के अवैध हिस्से को लेकर पीडब्ल्यूडी विभाग ने एक महीने पहले नोटिस जारी किया था।
मस्जिद प्रबंधन ने हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका
मस्जिद प्रबंधन ने इस कार्रवाई को रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, 13 दिसंबर को सुनवाई की तारीख तय होने के बावजूद कोर्ट से स्टे ऑर्डर नहीं मिला। इस कारण प्रशासन ने कार्रवाई जारी रखी।
कार्रवाई के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम
- सुरक्षा व्यवस्था: मस्जिद के 300 मीटर के दायरे को पूरी तरह सील कर दिया गया।
- व्यापारिक गतिविधियां बंद: मस्जिद से 200 मीटर के अंदर की सभी दुकानों को बंद कराया गया।
- पुलिस बल तैनात: कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा।
- 5 सीओ, 10 थाना प्रभारी, 40 सब-इंस्पेक्टर, 200 कॉन्स्टेबल और 1 कंपनी पीएसी मौजूद रही।
- रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और ड्रोन के जरिए इलाके की निगरानी की गई।
- प्रशासन ने कस्बे के लोगों से घरों में रहने की अपील की।
हाईवे चौड़ीकरण का हिस्सा थी कार्रवाई
फतेहपुर के बिंदकी से बांदा तक हाईवे के चौड़ीकरण का काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के तहत सितंबर में पीडब्ल्यूडी विभाग ने 30 से अधिक मकानों और दुकानों को नोटिस जारी किया था।
- कुछ लोगों ने खुद अतिक्रमण हटाया, जबकि कुछ जगहों पर प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ी।
- नूरी जामा मस्जिद का एक हिस्सा भी अतिक्रमण की सीमा में आ रहा था, जिसके कारण इसे हटाने का आदेश दिया गया।
अपर पुलिस अधीक्षक का बयान
एएसपी विजय शंकर मिश्र ने बताया कि
- “बांदा-चिल्ला मार्ग पर अतिक्रमण हटाने का काम किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी, तहसील प्रशासन और पुलिस प्रशासन द्वारा पूरी कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।”
- सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे ताकि शांति बनी रहे।
ग्रामीणों में आक्रोश और प्रशासन का रुख
कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों में नाराजगी देखी गई। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि यह कदम कानूनी प्रक्रियाओं और हाईवे चौड़ीकरण परियोजना को पूरा करने के लिए जरूरी था। फतेहपुर में नूरी जामा मस्जिद के अवैध हिस्से को हटाने की यह कार्रवाई हाईवे चौड़ीकरण की दिशा में एक अहम कदम है। प्रशासन ने इसे शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया। हालांकि, इससे स्थानीय लोगों में आक्रोश भी देखने को मिला है।
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