रायपुर। EOW RAID IN CGMC 2025 : छत्तीसगढ़ मेडिकल कारपोरेशन के 10 हजार करोड़ क़े फर्ज़ीवाड़े में ACB ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए दर्ज़न भर से अधिक ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। इसमें CGMC के अफसर, सप्लायर और दवा एवं मेडिकल उपकरण के आपूर्ति करने वाले शामिल बताए जा रहे हैं।
EOW RAID IN CGMC 2025 : सुबह -सुबह चोपड़ा ब्रदर्स का घूम गया खोपड़ा
रायपुर में 3 गाड़ियों में एसीबी के 10 से अधिक अधिकारी सोमवार सुबह दुर्ग के मोक्षित कॉरपोरेशन जा धमके । यह कंपनी गंजपारा निवासी शांतिलाल चोपड़ा और उनके बेटे शशांक चोपड़ा की दवा और मेडिकल इक्विपमेंट की एजेंसी बताई जा रही हैं। एजेंसी सरकारी मेडिकल एजेंसी को दवाओं की आपूर्ति करती है। ACB और EOW के अधिकारियों ने दुर्ग के गंजपारा कॉलोनी स्थित घर को अपनी कस्टडी में ले लिया। किसी को भी अंदर या बाहर नहीं जाने दिया जा रहा था । घर और ऑफिस के बाहर पुलिस बल मौजूद था । बताया जा रहा है कि, इस एजेंसी के जरिए करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया गया है, जिसकी जांच की जा रही है।
कॉल बेल बजाकर ACB की टीम ने अफसर को जगाया
छत्तीसगढ़ मेडिकल कार्पोरेशन के अधिकारी सुबह की हल्की ठण्ड में लिहाफ में दुबके थे। तभी दरवाजे पर कॉल बेल घनघनाई। अब साहब आखिर साहब हैं ऐसे आसानी से जगाने वाले तो थे नहीं , लिहाजा उनको फोन पर साड़ी बात बताई गई, जैसे ही दरवाजा खोला ACB अफसरों की पूरी टीम धड़धड़ाती अंदर आई।
क्या है इसकी IN SIDE STORY चलिए आपको बताते हैं –
प्रशासनिक महकमों के तमाम जानकारों ने बताया कि प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय ने ACB को जांच के लिए सांय -सांय लिखित आदेश जारी कर दिया था। 19 जनवरी को सुबह ACB ने लेटर डाल कर इसकी अनुमति मांगी थी और CM साय ने शाम को जवाब उनके ऑफिस में तामील करा दिया।
सामान्य प्रशासन विभाग का लेटर मिलते ही एसीबी ने 20 जनवरी से छापे की तैयारी शुरू कर दी। जानकारों का कहना है, कि मुख्यमंत्री सचिवालय का निर्देश था कि CGMC स्कैम पर शीघ्र कार्रवाई की जाए। ऐसे में ACB ने दिन रात एक कर छह दिन में कार्रवाई का रोड मैप तैयार कर डाला। रेड की तैयारी रविवार को ही थी लेकिन गणतंत्र दिवस के चलते एक दिन टाल दिया गया।
सोमवार को अलसुबह ही ACB के अफसर शिकार पर निकले
मेडिकल घोटाले में पूरा होम वर्क करने के बाद ACB ने दर्ज़न भर से अधिक ठिकानों पर एक साथ रेड मारा। इनमें CGMC के अफसर, सप्लायर और दवा तथा मेडिकल उपकरण के सप्लायर शामिल हैं।
10 हजार करोड़ का फर्जीवाड़ा
छत्तीसगढ़ मेडिकल कारपोरेशन क़े अधिकारियों ने पिछले पांच-सात साल में दस हजार करोड़ का वारा-न्यारा किया। पिछले साल दुर्ग क़े एक चर्चित सप्लायर ने निर्धारित रेट से 100 गुना रेट पर री एजेंट और उपकरणों की करीब 200 करोड़ की आपूर्ति की थी।
अफसरों ने ही हटवाया एमडी
गाँवों में एक कहावत प्रचलित है कि पैसे की मां पहाड़ चढ़ती है। छत्तीसगढ़ में भी काफी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। जहां CGMC क़े अफसरों और सप्लायरों का रैकेट इतना तगड़ा था कि 2022 में एमडी कार्तिकेय गोयल ने सख़्ती शुरू की तो उन्हें हटवा दिया था।
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