Economic Crisis In Myanmar : म्यांमार : म्यांमार में आर्थिक तंगी का दौर चरम पर है. देश की बड़ी जनसंख्या राष्ट्रीय गरीबी रेखा से नीचे गुजारा करने को मजबूर है. हालांकि म्यांमार सरकार गरीबी के दलदल से लोगों को निकालने के दावे तो कर रही है
पर जमीन पर इन दावों की हकीकत कुछ और ही है. आलम ये है कि यहां पैसों के लिए लोग खुद की किडनी तक बेचने को मजबूर हैं. और किडनी बेचने के लिए वो सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार के लोग सोशल मीडिया पर किडनी बेचने से जुड़े पोस्ट कर रहे हैं. जिसमें वो ब्लड ग्रुप तक बता रहे हैं और खरीदारों से मैसेज की अपील कर रहे हैं.
वहीं फेसबुक ने इस मामले में बड़ा कदम उठाते हुए उस ग्रुप को हटा दिया है जिसमें अंग बेचने और खरीदने की पेशकश की गई थी.
Economic Crisis In Myanmar
म्यांमार की स्थिति में प्रमुख बिंदु:
आर्थिक संकट और गरीबी: म्यांमार की अर्थव्यवस्था मंदी की स्थिति में है, जिससे बेरोजगारी और महंगाई बढ़ गई है। इस आर्थिक दबाव के चलते कई लोग गरीबी के दलदल में फंस गए हैं और उनके पास रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।
सरकारी दावे: म्यांमार सरकार गरीबी उन्मूलन और आर्थिक सुधार के लिए विभिन्न योजनाओं और नीतियों का दावा कर रही है। हालांकि, इस तरह के दावे और वास्तविकता के बीच अंतर हो सकता है, और सरकार के प्रयासों को लागू करने और प्रभावी ढंग से लोगों तक पहुंचाने में कठिनाइयाँ आ रही हैं।
मानवीय संकट: आर्थिक तंगी के कारण स्वास्थ्य, शिक्षा, और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं तक पहुंच में बाधाएं आ रही हैं। इससे देश की बड़ी आबादी की जीवन गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और मानवाधिकार संकट उत्पन्न हो रहे हैं।
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अंतरराष्ट्रीय सहायता: कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और देशों ने म्यांमार को आर्थिक और मानवीय सहायता प्रदान करने की पेशकश की है, लेकिन ऐसे सहायता प्रयासों को स्थानीय स्थिति और प्रशासनिक चुनौतियों के कारण पूर्ण रूप से कार्यान्वित करना कठिन हो सकता है।
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