
Dussehra Special Story
Dussehra Celebration: नवरात्रि का समापन दशहरे के साथ होता है, जिसे बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक मानकर विजयादशमी भी कहा जाता है। देश के हर हिस्से में इसे अलग अंदाज़ और परंपराओं के साथ मनाया जाता है। कहीं रामलीला और रावण दहन की धूम रहती है तो कहीं दुर्गा पूजा और सिंदूर खेला देखने को मिलता है। पहाड़ी और जंगलों में बसे आदिवासी समुदायों में भी दशहरा मनाने का अपना अलग अंदाज़ है। यह पर्व न सिर्फ संस्कृति, बल्कि एकता और भाईचारे का संदेश भी देता है। चलिए जानते हैं, भारत के अलग-अलग शहरों में इसे कैसे मनाया जाता है।
Dussehra Celebration: दिल्ली: दिल्ली में दशहरा की शुरुआत रामलीला के मंचन से होती है, जिसमें भगवान राम की कथा का अभिनय किया जाता है। इस दौरान रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के विशाल पुतले जलाए जाते हैं, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक होते हैं. प्रमुख स्थलों में लाल किला, द्वारका और रामलीला मैदान में रावण दहन का आयोजन होता है, जहाँ भारी संख्या में लोग शामिल होते हैं।
Dussehra Celebration: कोलकाता: कोलकाता में दशहरा दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान शहरभर में भव्य पंडाल सजाए जाते हैं, जहाँ देवी दुर्गा की पूजा होती है। विजयादशमी के दिन ‘सिंदूर खेला’ की परंपरा है, जिसमें विवाहित महिलाएँ एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं।इसके बाद देवी की मूर्तियों का हुगली नदी में विसर्जन किया जाता है।
Dussehra Celebration: कुल्लू, हिमाचल प्रदेश: कुल्लू में दशहरा महोत्सव विशेष रूप से प्रसिद्ध है. यह महोत्सव रघुनाथ जी की पूजा के साथ शुरू होता है, जिसमें आसपास के क्षेत्रों से देवी-देवताओं की पालकियां लाई जाती हैं। इस दौरान स्थानीय कलाकार नृत्य और संगीत प्रस्तुत करते हैं. इस वर्ष, महोत्सव को हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को समर्पित किया गया है, और विदेशी सांस्कृतिक दलों को शामिल नहीं किया गया है.
Dussehra Celebration: मैसूर, कर्नाटक: मायसूर का दशहरा महोत्सव कर्नाटक का प्रमुख सांस्कृतिक आयोजन है. इस दौरान मैसूर पैलेस को जगमगाती रोशनी से सजाया जाता है। ‘जंबो सवारी’ नामक ऐतिहासिक जुलूस में हाथियों की सवारी, बैंड और पारंपरिक नृत्य शामिल होते हैं। यह महोत्सव दस दिनों तक चलता है और राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है।
Dussehra Celebration: गुजरात: गुजरात में दशहरा को ‘नवरात्रि’ के रूप में मनाया जाता है, जिसमें नौ दिनों तक गरबा और दांडिया नृत्य होते हैं. लोग पारंपरिक वेशभूषा में इन नृत्यों का आनंद लेते हैं. यह उत्सव विशेष रूप से अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा जैसे शहरों में धूमधाम से मनाया जाता है।
Dussehra Celebration: छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में दशहरा का उत्सव 75 दिनों तक चलता है, जो भारत में सबसे लंबा दशहरा महोत्सव है। यह उत्सव देवी दंतेश्वरी की पूजा के साथ शुरू होता है और आदिवासी परंपराओं, जैसे ‘पाटा यात्रा’, ‘निशा यात्रा’ और ‘मुरिया दरबार’ के आयोजन होते हैं। बस्तर दशहरा को देखने विदेशी पर्यटक भी आते हैं।
Dussehra Celebration: उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के वाराणसी, लखनऊ और कानपुर में दशहरा की तैयारी रामलीला के मंचन से होती है। यहां के कलाकार रामायण के पात्रों का अभिनय करते हैं और अंत में रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले जलाए जाते हैं। यह दृश्य दर्शकों के लिए अत्यंत आकर्षक होता है।