Dussehra 2024 : सारंगढ़ : सारंगढ़ में अनोखे अंदाज मे मनाया जाएगा दशहरा पर्व, रियासत काल से विजया दशमी पर गढ़ विच्छेदन कर मनाया जाता है पर्व, तक़रीबन 100 साल पुरानी परम्परा गढ़ का विच्छेदन जो करता हैं
उन्ही को रावण को जलाने कि अनुमति, मिलती हैं विजयी प्रतिभागी को मिलता है वीरता कि पुरस्कार, राज परिवार कि होता है आयोजन
गढ़ विच्छेदन की परंपरा
- इतिहास: यह परंपरा लगभग 100 साल पुरानी है और इसे रियासत काल से मनाया जा रहा है।
- विशेषता: इस आयोजन में मिट्टी के गढ़ का निर्माण किया जाता है, जिस पर प्रतिभागी चढ़ने का प्रयास करते हैं।
- विजयी प्रतिभागी: जो व्यक्ति सबसे पहले गढ़ पर चढ़ने में सफल होता है, उसे रावण दहन की अनुमति दी जाती है और उसे वीरता पुरस्कार भी दिया जाता है।
आयोजन का महत्व
- राज परिवार का योगदान: यह आयोजन राज परिवार द्वारा आयोजित किया जाता है, जो स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- समुदाय की भागीदारी: इस पर्व में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं, जो सामूहिक रूप से इस ऐतिहासिक परंपरा का हिस्सा बनते हैं।
इस प्रकार, सारंगढ़ का दशहरा पर्व न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और सामुदायिक एकता को भी दर्शाता है।
Muzaffarnagar Breaking : विशालकाय अजगर मिलने से फैली दशहत…वीडियो वायरल
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.