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रायपुर। दुर्ग – विशाखापट्टनम वंदे भारत एक्सप्रेस में कोच कम करने की रेलवे प्रबंधन सोच रहा है। इसके पीछे का कारण भी वही पुराना है। छत्तीसगढ़ के लिए ये कोई नई बात नहीं है। वंदे भारत का किराया बहुत ज्यादा होने के कारण ही लोग इसमें जाना नहं चाहते हैं। यही कारण है कि बिलासपुर – नागपुर वंदे भारत की 8 बोगियां कम करनी पड़ी थी। यही फार्मूला अब रेलवे प्रबंधन दुर्ग -विशाखापट्टनम ट्रेन में इस्तेमाल करने जा रहा है।
दुर्ग – विशाखापट्टनम वंदे भारत एक्सप्रेस में कोच घटाने की सोच
दुर्ग-विशाखापट्टनम वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में 16 कोच हैं, जो पूरी तरह नहीं भर पा रही है। केवल 30 से 35 प्रतिशत ही यात्री इसमें सफर कर रहे हैं। लिहाजा रेलवे ने कोच की संख्या कम करने का विचार किया है। यही स्थिति नागपुर-बिलासपुर वंदे भारत एक्सप्रेस की थी, जिसके कारण रेलवे को कोच कम करना पड़ रहा है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि आठ कोच कम होने से वंदे भारत एक्सप्रेस को पर्याप्त संख्या में यात्री मिलने लगेंगे। रायपुर स्टेशन से विशाखापट्टनम के लिए एक दिन में वंदे भारत सहित आधा दर्जन से अधिक नियमित एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं। इनमें समता एक्सप्रेस में एसी व स्लीपर में वेटिंग है, जबकि रायपुर-विशाखापट्टनम वंदे भारत एक्सप्रेस एसी थर्ड में सीट उपलब्ध है। यहीं स्थिति अन्य ट्रेनों की भी है।
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