
डॉ. एस. जयशंकर ने की ‘नेहरू विकास मॉडल’ पर चर्चा, विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा पर दिए अहम बयान
विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने की खुली बातचीत, ‘नेहरू विकास मॉडल’ और विदेश नीति पर अहम बातें
मुख्य बिंदु:
- ‘नेहरू विदेश नीति’ पर टिप्पणी:
डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि ‘नेहरू विकास मॉडल’ से अनिवार्य रूप से ‘नेहरू विदेश नीति’ बनती है। उन्होंने बताया कि विदेशों में इस नीति के परिणामों में सुधार किया जाएगा, ठीक वैसे ही जैसे भारत में घरेलू नतीजों को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है। - रूस और चीन के आर्थिक विचारों पर निशाना:
जयशंकर ने कहा कि रूस और चीन ने नेहरू द्वारा प्रचारित समय के आर्थिक विचारों को नकार दिया है। ये विचार आज भी भारत के प्रभावशाली वर्गों में बने हुए हैं। - जॉन फोस्टर डलेस का जिक्र:
डॉ. एस. जयशंकर ने अमेरिकी नीति निर्माता जॉन फोस्टर डलेस के 1947 के बयान का उल्लेख किया, जिसमें दावा किया गया था कि सरकार के पास ज्यादा गलत करने की गुंजाइश नहीं थी। जयशंकर ने किताब ‘द नेहरू डेवलपमेंट मॉडल’ के विमोचन के मौके पर इस विषय पर चर्चा की और सवाल किया कि क्या डलेस पूरी तरह से गलत थे। - राष्ट्रीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता:
जयशंकर ने कहा कि भारत ने पिछले 33 वर्षों में वैश्वीकरण के फायदे उठाए हैं, लेकिन अब स्थिति जटिल हो गई है। उन्होंने सावधानीपूर्वक खुलेपन की जरूरत पर बल दिया और आत्मनिर्भरता को संरक्षणवाद के नजरिए से न देखने की अपील की। इसके बजाय, इसे राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत करने और स्वनिर्भर सोच के आह्वान के तौर पर देखा जाना चाहिए।
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