
Doctor Death: यूपी की दांतों की डॉक्टर ने 40 हजार लेकर कर दिया हेयर ट्रांसप्लांट, मरीजों की मौत से मचा हंगामा
Doctor Death: कानपुर। हेयर ट्रांसप्लांट के नाम पर धोखाधड़ी और लापरवाही से दो इंजीनियरों की मौत के मामले में कानपुर के केशवपुरम स्थित एक क्लीनिक में बड़ा खुलासा हुआ है। दंत चिकित्सक डॉ. अनुष्का तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने केवल ₹40,000 में बाल घने करने का दावा करते हुए बिना आवश्यक विशेषज्ञता के हेयर ट्रांसप्लांट किया, जिससे दो मरीजों की मौत हो गई और कई अन्य संक्रमण का शिकार हुए।
Doctor Death: दो इंजीनियरों की मौत से खुला मामला
पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, पावर हाउस पनकी में तैनात इंजीनियर विनीत दुबे और फर्रुखाबाद निवासी इंजीनियर मयंक कटियार ने डॉ. अनुष्का की क्लीनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराया था। सर्जरी के कुछ दिन बाद दोनों की हालत बिगड़ने लगी और बाद में मौत हो गई। विनीत की पत्नी जया दुबे ने रावतपुर थाने में डॉ. अनुष्का के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने बताया कि ट्रांसप्लांट से पहले ही नकद राशि ली गई थी और सस्ते पैकेज का लालच दिया गया था।
Doctor Death: केवल बीडीएस की डिग्री, फिर भी की सर्जरी
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आरोपी महिला डॉक्टर के पास केवल BDS (बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी) की डिग्री है, जो हेयर ट्रांसप्लांट जैसे जटिल सर्जिकल प्रोसीजर के लिए मान्य नहीं है। डीसीपी पश्चिम दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि डॉक्टर ने फरीदाबाद के एक कॉलेज से यह डिग्री प्राप्त की थी और उसके आधार पर वह कानूनी रूप से हेयर ट्रांसप्लांट नहीं कर सकतीं।
Doctor Death: अन्य पीड़ित भी आए सामने
मामले की गंभीरता को देखते हुए अन्य पीड़ित भी सामने आ रहे हैं:
कन्नौज के जीत कुमार कटियार ने बताया कि अक्टूबर 2024 में मयंक के साथ क्लीनिक आए थे। इलाज के बाद उनके माथे पर संक्रमण और सूजन हो गई थी, जिसे डॉक्टर ने मामूली बता कर नजरअंदाज कर दिया। संक्रमण ने उनके चेहरे को नुकसान पहुंचाया।
उन्नाव के अचलगंज निवासी राजेंद्र पाठक ने अगस्त 2024 में अपने दोस्त विक्रम को क्लीनिक लाकर हेयर ट्रांसप्लांट कराया। 15 दिन बाद विक्रम के सिर और चेहरे में गंभीर संक्रमण हो गया और अब वह बिस्तर पर पड़ा है।
Doctor Death: डॉक्टर फरार, गिरफ्तारी की कोशिशें तेज
फिलहाल आरोपी डॉक्टर अनुष्का तिवारी के घर पर ताला पड़ा है और वह फरार हैं। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। क्लीनिक में ट्रांसप्लांट कराने वाले लोगों की संख्या और भी ज्यादा हो सकती है। पुलिस सभी पुराने केस खंगाल रही है और जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है।
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