गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन करें यह विशेष पूजा, तुरंत मिलेगी देवी की कृपा...
गुप्त नवरात्रिका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह नवरात्रि तंत्र साधना, सिद्धि प्राप्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करने के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन की पूजा विशेष फलदायी होती है, जिससे साधक को सुख-समृद्धि और देवी की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन पूरे विधि-विधान से पूजा करने के लिए कुछ विशेष सामग्रियों की आवश्यकता होती है। आइए जानते हैं कि इस पूजा की विधि क्या है और कौन-कौन सी सामग्रियां इसमें उपयोग की जाती हैं।
गुप्त नवरात्रि की अंतिम दिन की पूजा विधि
प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
पूजा की थाली में सभी आवश्यक सामग्रियों को सजा लें।
मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर को लाल वस्त्र में सजाएं।
मिट्टी के बर्तन में आम की पत्तियां और चंदन से कलश स्थापित करें।
मां के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और लाल फूल अर्पित करें।
मां को लौंग, इलायची और मिठाई का भोग लगाएं।
दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
पूजन के दौरान फल, हलवा, पूरी और श्रीफल भी अर्पित करें।
दुर्गा आरती करने के बाद कन्या पूजन करें और उन्हें भोजन कराएं।
अगले दिन विधिपूर्वक नवरात्रि व्रत का पारण करें।
गुप्त नवरात्रि पूजा में उपयोग की जाने वाली 19 महत्वपूर्ण सामग्रियां
लाल चुनरी – देवी मां को चढ़ाने के लिए।
मां दुर्गा की प्रतिमा – पूजा का मुख्य केंद्र।
आम की पत्तियां – कलश सजाने के लिए।
अक्षत (चावल) – शुभता और समृद्धि का प्रतीक।
दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती की किताब – पाठ के लिए।
लाल कलावा (मौली) – रक्षा सूत्र के रूप में।
गंगाजल – शुद्धिकरण के लिए।
चंदन – पूजन और तिलक के लिए।
नारियल – संपूर्णता और समृद्धि का प्रतीक।
कपूर – आरती और शुद्ध वातावरण के लिए।
श्रीफल (सूखा नारियल) – विशेष भोग के लिए।
मिट्टी के बर्तन – पूजन और कलश स्थापना के लिए।
गुलाल – देवी पूजन के लिए।
सुपारी – पूजा की समृद्धि के लिए।
पान का पत्ता – देवी को चढ़ाने के लिए।
लौंग और इलायची – भोग और प्रसाद में शामिल करने के लिए।
सरसों का तेल – दीपक जलाने के लिए।
मिठाई – देवी को प्रसन्न करने के लिए भोग।
फूल – माता रानी को अर्पण के लिए।
गुप्त नवरात्रि की अंतिम दिन की पूजा बेहद शुभ मानी जाती है। सही विधि और सभी आवश्यक सामग्रियों के साथ पूजा करने से देवी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन की गई साधना और भक्ति से सुख, समृद्धि, और सफलता का आशीर्वाद मिलता है। देवी को प्रसन्न करने के लिए कन्या पूजन और दान का भी विशेष महत्व है। इस नवरात्रि, श्रद्धा और विश्वास के साथ देवी की आराधना करें और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करें।