Digital Census in India
Digital Census in India: नई दिल्ली। भारत में पहली बार 2027 की जनगणना पूरी तरह डिजिटल माध्यम से आयोजित की जाएगी। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में इसकी पुष्टि की है। इस जनगणना में डेटा मोबाइल ऐप के जरिए एकत्र किया जाएगा और यह भारत की 16वीं जनगणना होगी। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत को दुनिया की सबसे तेज और आधुनिक डिजिटल जनगणना का नया मानक स्थापित करने में मदद करेगा।
Digital Census in India: डिजिटल जनगणना दो चरणों में होगी। पहला चरण घर सूचीकरण और हाउस मैपिंग का होगा, जो अप्रैल से सितंबर 2026 तक चलेगा। दूसरा चरण जनसंख्या गणना का होगा, जो फरवरी-मार्च 2027 में किया जाएगा। इस प्रक्रिया में गणनाकारक (इनुमरेटर) कागज के फॉर्म के बजाय स्मार्टफोन ऐप का इस्तेमाल करेंगे। जनता भी स्वयं-जनगणना (सेल्फ-इनुमरेशन) कर सकेगी। ऐप 16 भाषाओं में उपलब्ध होगा और कनेक्टिविटी समस्या वाले क्षेत्रों के लिए कागजी फॉर्म का बैकअप रखा जाएगा।
Digital Census in India: डिजिटल प्रक्रिया के कई फायदे हैं। यह पारंपरिक कागज आधारित प्रक्रिया की धीमी गति और त्रुटियों को दूर कर सकती है। प्रारंभिक आंकड़े 10 दिनों में और अंतिम आंकड़े 6-9 महीनों में उपलब्ध होंगे। यह डेटा 2029 संसदीय परिसीमन, फंड आवंटन और जनकल्याण योजनाओं की सटीक योजना में मदद करेगा। साथ ही, गणनाकर्मी अपने ही स्मार्टफोन का उपयोग करेंगे, जिससे लागत में कमी आएगी।
Digital Census in India: हालांकि, इस प्रयास के साथ चुनौतियां भी हैं। पूर्वोत्तर, पहाड़ी और सुदूर ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की सीमित उपलब्धता डिजिटल डिवाइड का खतरा पैदा कर सकती है। तीन मिलियन से अधिक गणनाकर्मियों को नई तकनीक पर प्रशिक्षण देना होगा। इसके अलावा, जाति और प्रवास जैसी संवेदनशील जानकारी की साइबर सुरक्षा और गोपनीयता भी बड़ी चुनौती होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल जनगणना भविष्य के लिए बड़ा कदम है, लेकिन इसे जोखिम भरे प्रयोग के रूप में भी देखा जा सकता है।
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