नई दिल्ली: संसद के दोनों सदनों, राज्यसभा और लोकसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर सोमवार को चर्चा हुई। इस दौरान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी हिस्सा लिया। राज्यसभा में बोलते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी बात रख रहे थे, जब भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर ने बीच में उन्हें टोक दिया। इस पर खड़गे ने अपनी नाराजगी जताते हुए नीरज शेखर को लेकर तीखी टिप्पणी की, जो अब चर्चाओं में है।
दरअसल, खड़गे ने धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान उच्च सदन को संबोधित किया, और भारतीय रुपये की डॉलर के मुकाबले गिरावट पर टिप्पणी कर रहे थे, तभी नीरज शेखर ने उन्हें बीच में टोक दिया। इस पर खड़गे भड़क गए और कहा, “तेरा बाप का भी मैं साथी था। तू क्या बात करता है? तुझको लेकर घूमा। चुप, चुप, चुप बैठा रह।”
इसके बाद संसद में इस बयान को लेकर काफी हंगामा मच गया। राज्यसभा के अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने का आग्रह किया और कहा कि चंद्रशेखर देश के सबसे बड़े नेताओं में से एक थे और उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने खड़गे से कहा कि ‘आपके बाप’ जैसे शब्दों का उपयोग नहीं करना चाहिए। खड़गे ने इसका जवाब देते हुए कहा कि वह किसी का अपमान नहीं करना चाहते थे, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने भगदड़ के दौरान मारे गए लोगों के बारे में सरकार से सवाल उठाए और मृतकों की सही संख्या का खुलासा करने की मांग की।
खड़गे ने आगे यह भी कहा कि मनुस्मृति के बजाय संविधान के कारण वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बजट पेश करने का मौका मिला और यह अधिकार संविधान ने सभी वर्गों को दिया है, न कि मनुवादियों ने। उन्होंने यह भी कहा कि हमें संविधान के आधार पर बोलने का अधिकार मिला है।
महत्वपूर्ण यह है कि नीरज शेखर, जो पहले समाजवादी पार्टी के सांसद थे, 2019 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। उनके पिता चंद्रशेखर को भारत के सबसे बड़े समाजवादी नेताओं में गिना जाता है और वह 1990 से 1991 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।
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