Bhopal News : भोपाल : 17th AUAP कांफ्रेंस में शामिल हुए CM डॉ. मोहन कहा- इतिहास देखेंगे तो हिंदुस्तान के अतीत में यूके, जर्मनी के बाद अन्य देशों में भी जाएंगे
मुख्यमंत्री 2 हजार साल से अपनी जमीन ढूंढ रहा इजरायल मनमोहन सिंह पर साधा निशाना यूके, जर्मनी के बाद अन्य देशों में भी जाएंगे सीएम डॉ मोहन यादव
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज भोपाल में आयोजित AUAP के 17 वें सम्मेलन में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि इतिहास देखेंगे तो हिंदुस्तान के अतीत में।
बांग्लादेश भी अपने ही करीब है। भारत का इतिहास शिक्षा क्षेत्र से जुड़ा है। 1000 से 2000 साल तक देश-दुनिया के लोगों ने भारत आकर शिक्षा ग्रहण की। जीवन मूल्य और मेरिट का सबसे बेहतर तालमेल भारत में रहा है।
नैतिक मूल्य का अंतर कौरव-पांडव में दिखाई देता है। रावण की महारथी था, लेकिन नैतिक मूल्य नहीं थे। रावण ने पूरी लंका ही सोने की बना ली थी। जिस बात की कमी थी वह हमारे सामने है।
राम जी आम लोगों के साथ नैतिक मूल्य स्थापित करते हैं। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इजरायल लगातार संघर्ष कर रहा है। 2 हजार साल से अपनी जमीन ढूंढ रहा है। इसकी भी बात होनी चाहिए। लड़ कौन रहा है
लड़वा कौन रहा है? मर कौन रहा है मरवा कौन रहा है? यह भी हमें देखना पड़ेगा। इस बीच जीवन मूल्य और शांति की बात कौन कर रहा है? यह सिर्फ भारत कर रहा है।
जनता की योजनाओं के लिए भागीदारी का भाव लेकर चलना, यह भाव लेकर कौन आया? मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मैं यहां राजनीति के लिए नहीं कह रहा।
मेरे अंदर भाव आ रहा है इसलिए कह रहा। जो वित्त मंत्री रहे, जिनके पास फाइनेंस की डिग्रियां रहीं, लेकिन उनसे क्या चूक हुई? एक चाय वाले के दिमाग में आई कि बगैर पैसे के खाता खुल सकता है।
यह शिक्षा व्यवस्था की चूक है? व्यवस्था की चूक है? भाव की चूक है या नैतिकता की चूक है? मुझे लगता है यह अंदर के आग की चूक है। सीएम ने आगे कहा कि हमारे देश का संबंध बांग्लादेश से अलग ही प्रकार का है।
हमारे देश की गंगा बहते हुए बांग्लादेश से होते हुए समुद्र में मिलती है। मध्य प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू की गई। ज्ञान की कोई सीमा नहीं, इसलिए डिग्री की बाध्यता और उम्र की बाध्यता को खत्म किया।
मध्य प्रदेश में किसी भी उम्र में चाहे जितनी डिग्री चाहे उतनी कर सकते हैं। कार्यक्रम के बाद सीएम डॉ. मोहन ने यह भी बताया कि वह यूके, जर्मनी के बाद अन्य देशों में भी जाएंगे। दिसंबर में अगला टूर बनेगा।
रीजनल इंडस्ट्री समिट के बाद भोपाल में वैश्विक स्तर की कॉन्क्लेव होगी। बड़ा निवेश लाने के लिए निमंत्रण देने जा रहे हैं। नामी उद्योगपतियों को मध्य प्रदेश में लाना भी पड़ेगा। निवेश के लिए कार्यक्रम करने की भी जरूरत है। और विदेशों में जाने की भी जरूरत है।
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