
CG Weather Update, CG Rain Alert
Chhattisgarh Weather Update: रायपुर। पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी, उससे सटे उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तट से दूर पश्चिम मध्य पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसके प्रभाव से राजधानी रायपुर सहित छत्तीसगढ़ में मानसूनी गतिविधियों में तेजी आएगी। इधर मौसम विभाग ने 27 जिलों के लिए ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन दिनों तक पूरे प्रदेश में मेघगर्जन की गतिविधियों में वृद्धि के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी हो सकती है। बारिश के साथ तेज हवा चलने और आकाशीय बिजली गिरने की घटना भी हो सकती है। बारिश का मुख्य केंद्र दक्षिण छत्तीसगढ़ के जिले हो सकते हैं।
Chhattisgarh Weather Update: रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने प्रदेश के मौसम विभाग ने सुकमा, बीजापुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, बस्तर, नारायणपुर जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं कोंडागांव, उत्तर बस्तर कांकेर, धमतरी, बालोद, राजनांदगांव, गरियाबंद, महासमुंद, रायपुर, बलौदा बाजार, जांजगीर-चांपा, रायगढ़, बिलासपुर, कोरबा, जशपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, दुर्ग, बेमेतरा, मुंगेली, सुरगुजा, सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर जिले के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। तेज की रफ्तार 30-40 KMPH चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने यह अलर्ट तीन घंटों के लिए जारी है। प्रदेश की राजधानी रायपुर सहित दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बस्तर, दंतेवाड़ा, बिलासपुर आदि जिलों में अच्छी बारिश हुई है।
Chhattisgarh Weather Update: रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तट से दूर पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव का क्षेत्र बना रहा। इससे जुड़ा ऊपरी हवा का चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 5.8 किमी ऊपर तक बढ़ा है और ऊंचाई के साथ दक्षिण की ओर झुका हुआ है। अगले 2 दिनों के दौरान इसके दक्षिण ओडिशा और उससे सटे उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण छत्तीसगढ़ में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। औसत समुद्र तल पर मानसून की द्रोणिका अमृतसर, मुजफ्फरनगर, हरदोई, डाल्टन गंज और उत्तर आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा से दूर पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव वाले क्षेत्र के केंद्र से होकर गुजर रही है। उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा तट से दूर पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर निम्न दबाव वाले क्षेत्र से जुड़े ऊपरी हवा के चक्रवाती परिसंचरण से द्रोणिका छत्तीसगढ़, विदर्भ होते हुए दक्षिण महाराष्ट्र तक औसत समुद्र तल से 3.1 और 5.8 किमी ऊपर बनी हुई है।