
Chhattisagrh News : प्रदेश के सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी पंडित रविशंकर शुक्ल इन दिनों सवालिया निशान के घेरे में...जानें मामला
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इम्तियाज़ अंसारी
Chhattisagrh News : प्रदेश के सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी पंडित रविशंकर शुक्ल इन दिनों सवालिया निशान के घेरे में हैं… दरअसल उच्च शिक्षा विभाग में पदस्थ उपकुलसचिव शैलेन्द्र कुमार पटेल पर फर्जीवाड़ा करने और गलत तरीके से नौकरी लेने का आरोप है..वहीं इनपर उदंडता, भ्रष्टाचार और निरंकुशता सहित कई आरोप भी लगे हैं… इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग ने जांच कमेटी भी गठित किया…कई दौर की
Chhattisagrh News : जाँच में फर्जीवाड़ा की पुष्टि होने के बाद भी आज विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव के पद पर कुंडली मार कर बैठे हैं…विभाग के किसी अधिकारी में हिम्मत नहीं कि कोई इसका बाल भी बांका नहीं कर पाए। कई अनेको शिकायते और जाँच के बाद भी प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय में प्रभारी कुलसचिव का जिम्मा विभागीय अफसरों ने सौपा है, आखिर इतनी मेहरबानी क्यों ?
उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में उपकुलसचिव शैलेन्द्र कुमार पटेल की योग्यता और अनुभव पर शुरू से सवाल खड़े हो रहे हैं…. उनकी योग्यता और अनुभव संबंधी दस्तावेज फर्जी पाए गए है…इसके बाद एक बार फिर से जाँच करने का आदेश दिए गए हैं कई दौर की जाँच में फर्जी पाए जाने के बाद एक बार फिर पटेल के शैक्षणिक और अनुभव संबंधी
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दस्तावेजो की जाँच किया जाएगा। इससे पहले पटेल के योग्यता और अनुभव की जाँच तीन बार अपर संचालक और संयुक्त संचालक, आयुक्त उच्च शिक्षा एवं तीन प्राचार्यो की समिति ने किया था, जिन्होंने पटेल को उपकुलसचिव और कुलसचिव हेतु निर्धारित योग्यता को पूरा नहीं करने संबंधी रिपोर्ट शासन को सौपा है। अब चौथी बार जाँच करने लिखा गया है…यहां सवाल यह है कि तीन बार
आयोग्य होने के बाद भी उन्हें पद से क्यों नहीं हटाया गया…उन पर किसी प्रकार की कार्रवाई क्यों नहीं की गई…आखिर इनपर कोन मेहरबान है…आज भी वह कुल सचिव के पद पर काम कर रहे हैं और विश्वविद्यालय के खाते से वेतन ले रहे हैं.. वर्तमान में पटेल छुट्टियां मनाने के लिए पांच दिनों के अवकाश पर हैं…प्रभारी कुलसचिव नरेंद्र वर्मा ने बताया की अभी मामला कोर्ट में लंबित है
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इसलिए इसपर हम ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं…हालांकि उच्च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से सवाल करने के बाद उन्होंने कहा कि इस पर जांच हो रही है इसके बाद कार्रवाई होगी…
शैलेन्द्र कुमार पटेल के अनुभव और शैक्षणिक संबंधी दस्तावेज फर्जी है। शासन गठित जाँच समिति को पटेल ने बताया कि उसने 05 फरवरी 2013 से 05 फरवरी 2015 तक सीवी रमन यूनिवर्सिटी बिलासपुर से गणित विषय में पीएचडी किया और उसी दौरान जुलाई 2009 से मार्च 2016 तक भिलाई इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रायपुर में बतौर सहायक प्राध्यपक पदस्थ रहा।
एक ही समय में दोनो काम को कमिटी ने नामुमकिन माना…वहीं एमफिल डिग्री को भी जाँच समिति ने फर्जी माना है। समिति के अनुसार पटेल ने साल 2007-08 में विनायका मिशन यूनिवर्सिटी सालेम से एमफिल करने जानकारी जाँच समिति को दी जबकि उस संस्था का एमफिल मान्य नहीं है…
शैलेन्द्र पटेल की सरकारी सेवा में पहली नियुक्ति साल 2016 में बतौर उपकुलसचिव हुआ था..पहली पोस्टिंग जगदलपुर शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय में दी गई, साल 2018 में वहा से ट्रासंफर कर राजधानी के पडित रविशंकर शुक्ला विश्वविद्यालय में पदस्थ किया गया…शैलेन्द्र पटेल पर में साल 2020 में आरोप लगा कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा
निर्धारित योग्यता नहीं करने के बाद उसका चयन उपकुलसचिव पद पर किया गया। शिकायत की जाँच हुई तो आरोप सही पाया गया। जाँच अफसरों ने पाया कि पटेल ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा निर्धारित योग्यता को पूरा नहीं किया… फिर भी उसका चयन किया। नियुक्ति के दौरान अफसरों ने उसके अनुभव और शैक्षणिक दस्तावेजों की सही जाँच नहीं की और नियुक्ति कर दिया।
साल 2021 में कुलसचिव पद पर चयनित पटेल हुए….वहीं पटेल आधा दर्जन से अधिक आरोप लगे हैं इसमें उड़नता, निरंकुशता और भ्रष्टाचार इत्यादि शामिल है… एबीवीपी के छात्रों को धमकी देना और जेल में बंद करवाने के मामले भी सामने आए थे… Abvp के छात्रों ने आज उनके खिलाफ उच्च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को ज्ञापन सोपा और उनकी बरखस्ती की मांग किए….
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