
CG News : सरगुजा। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में सरकारी राशन घोटाले का पर्दाफाश हुआ है, जहां गरीबों के हक का करीब 65 लाख रुपए का चावल, चना और शक्कर गायब कर दिए गए। कलेक्टर की जांच में सामने आया कि जनकल्याण खाद्य सुरक्षा पोषण एवं उपभोक्ता सेवा सहकारी समिति ने सरकारी राशन को खुले बाजार में बेचकर करोड़ों का गोरखधंधा चलाया।
CG News : यह खुलासा तब हुआ जब भाजपा नेता आलोक दुबे ने मामले की शिकायत कलेक्टर अजीत वसंत से की। जांच में सामने आया कि 1631 क्विंटल चावल, 48 क्विंटल चना और बड़ी मात्रा में शक्कर का हिसाब नहीं मिला। यानी गरीबों के हिस्से का अनाज गायब कर दिया गया था। खाद्य विभाग की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने समिति के अध्यक्ष पवन सिंह, उपाध्यक्ष सुनिता पैकरा, सहायक विक्रेता फरहान सिद्धीकी, प्रिंस जायसवाल, सैफ अली और मुकेश यादव के खिलाफ धोखाधड़ी व आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है।
CG News : पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों का गठन किया है। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने ऐसी धाराओं में केस दर्ज करवाने की कोशिश की, जिससे आसानी से जमानत मिल सके, लेकिन भाजपा नेता की ओर से आपत्ति जताने पर पुलिस ने धारा 409 (सरकारी धन का गबन) भी जोड़ दी। इस घोटाले से पूरे सरगुजा में हड़कंप मचा हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर जांच निष्पक्ष हुई, तो कई और राशन दुकानों में भी करोड़ों के गबन का पर्दाफाश हो सकता है।