
CG News : कोरबा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कर्मचारियों की हड़ताल ने कोरबा में अनोखा रूप ले लिया है। सोमवार से शुरू हुई इस हड़ताल में कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को कर्मचारियों ने कोरोना काल की याद दिलाते हुए PPE किट पहनकर सड़कों पर भीख मांगी और झाड़ू लगाकर शासन-प्रशासन का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश की।
CG News : कोरोना योद्धाओं की अनसुनी पुकार-
NHM कर्मचारियों ने PPE किट पहनकर और हाथ में कटोरा लेकर प्रदर्शन किया, जिसके जरिए उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर किए गए कार्यों को याद दिलाया। कर्मचारियों का कहना है कि वे सरकार से सामाजिक सुरक्षा, नियमितीकरण और समान वेतन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमने कोरोना काल में अपनी जान हथेली पर रखकर काम किया, लेकिन आज हमें न बीमा मिलता है, न पेंशन, और न ही कोई सामाजिक सुरक्षा। हमारे कई साथियों ने अपनी जान गंवाई, लेकिन उनके परिवारों को कोई सहायता नहीं मिली।”
CG News : सड़कों पर भीख मांगकर जताया विरोध-
कर्मचारियों ने सड़कों पर झाड़ू लगाकर और भीख मांगकर अपनी स्थिति का प्रतीकात्मक प्रदर्शन किया। उनका कहना है, “सरकार बजट की कमी का हवाला देती है, इसलिए हम भीख मांगकर फंड इकट्ठा कर रहे हैं, जिसे मनी ऑर्डर के जरिए सरकार को भेजेंगे।” इस अनोखे प्रदर्शन में ANM से लेकर डॉक्टर तक शामिल थे, जो सभी संविदा पर कार्यरत हैं।
CG News : स्वास्थ्य सेवाएं ठप, मरीज परेशान-
हड़ताल के कारण कोरबा में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। कई ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र बंद पड़े हैं, जिससे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है, “हम मरीजों की सेवा के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन हमारी मजबूरी है। हमारे परिवार, बच्चे और माता-पिता भी हैं। बिना सामाजिक सुरक्षा और उचित वेतन के हमारी स्थिति दयनीय हो गई है।”
CG News : मांगें अनसुनी, गुस्सा बढ़ा-
NHM संगठन के कार्यकारी जिला अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने कहा, “हमने सैकड़ों पत्र लिखे, हजारों बार हाथ जोड़े, लेकिन हमारी जायज मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। हमें कोरोना योद्धा कहा गया, लेकिन आज कोई हमारी सुध लेने वाला नहीं है।” कर्मचारियों ने बताया कि नियमित कर्मचारियों और संविदा कर्मचारियों के वेतन व सुविधाओं में भारी अंतर है, जबकि दोनों से समान काम लिया जाता है।
हड़ताल में शामिल कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। यह हड़ताल न केवल कोरबा, बल्कि पूरे देश में NHM कर्मचारियों की अनसुनी मांगों और उनकी बदहाल स्थिति को उजागर कर रही है।