
CG News : बिना अनुमति पंडाल और स्वागत द्वार पर हाईकोर्ट सख्त, मुख्य सचिव और नगर निगम कमिश्नर से मांगा जवाब...
CG News : बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में त्योहारी सीजन के दौरान सड़कों और उनके किनारों पर बिना अनुमति लगाए गए पंडालों और स्वागत द्वारों को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गंभीर रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की युगलपीठ ने इस मुद्दे पर राज्य के मुख्य सचिव और रायपुर नगर निगम कमिश्नर से शपथ पत्र के माध्यम से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने इस जनहित याचिका की अगली सुनवाई 16 जून 2025 को निर्धारित की है।
CG News : बिना अनुमति लगाए गए पंडालों पर याचिका, 100 से अधिक फोटोग्राफ पेश
इस मामले में जनहित याचिका दायर करते हुए याचिकाकर्ता नितिन सिंघवी ने अदालत को बताया कि रायपुर में 2022 से 2024 तक गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा के दौरान सैकड़ों पंडाल बिना किसी अनुमति के सार्वजनिक सड़कों पर लगाए गए। उन्होंने इसके समर्थन में कोर्ट में 100 से अधिक फोटोग्राफ भी प्रस्तुत किए। सिंघवी ने तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ में वाहनों की संख्या राज्य गठन के समय के 1 लाख से बढ़कर अब लगभग 80 लाख हो चुकी है, लेकिन सड़कों की चौड़ाई और पार्किंग की सुविधा में कोई खास वृद्धि नहीं हुई। ऐसे में पंडालों के कारण ट्रैफिक पूरी तरह प्रभावित हो जाता है।
CG News : कोर्ट की सख्ती, सार्वजनिक स्थानों के दुरुपयोग पर जताई नाराजगी
हाईकोर्ट ने मामले को गंभीर मानते हुए राज्य सरकार के रवैये पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि सड़कों पर अतिक्रमण और यातायात व्यवस्था में बाधा गंभीर चिंता का विषय है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक स्थानों का दुरुपयोग और यातायात में बाधा अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
CG News : याचिकाकर्ता का सुझाव: पंडाल केवल खुले मैदानों में लगें
याचिकाकर्ता ने सुझाव दिया कि धार्मिक और सामाजिक आयोजनों के लिए पंडाल केवल खुले मैदानों या प्रशासन द्वारा पूर्व निर्धारित स्थलों पर ही लगाए जाएं, जिससे यातायात व्यवस्था पर अनावश्यक दबाव न पड़े। उन्होंने यह भी बताया कि रायपुर की सड़कें वर्तमान ट्रैफिक दबाव को संभालने में पहले से ही असमर्थ हैं, और त्योहारी सीजन में यह समस्या और बढ़ जाती है।
CG News : सरकार के आदेश के बावजूद नियमों की अनदेखी
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार के गृह (पुलिस) विभाग ने 22 अप्रैल 2022 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें धरना, जुलूस, रैली और अन्य सार्वजनिक आयोजनों के लिए जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति अनिवार्य कर दी गई थी। आदेश में यह भी कहा गया था कि बिना अनुमति आयोजन से आम जनता की दिनचर्या और व्यापारिक गतिविधियों में व्यवधान आता है, साथ ही कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का खतरा रहता है। इसके बावजूद इस आदेश की अनदेखी पर कोर्ट ने सख्ती दिखाई है।
CG News : नगर निगम पर कार्रवाई की जिम्मेदारी, जवाब तलब
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि इस तरह की कार्रवाई नगर निगम स्तर पर की जाती है। इस पर कोर्ट ने मुख्य सचिव और नगर निगम कमिश्नर को व्यक्तिगत रूप से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि नियमों की अवहेलना पर अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी और व्यवस्था को बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT - Voice of People
Subscribe to get the latest posts sent to your email.