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CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक रिटायर्ड महिला जनरल मैनेजर से 2.83 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के पांच सदस्यों को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया है। रायपुर पुलिस ने इस बड़े साइबर अपराध का खुलासा करते हुए गोरखपुर और लखनऊ से आरोपियों को पकड़ा। इनके पास से कई बैंक खाते, चेक बुक, सिम कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं। पुलिस ने ठगी की 43 लाख रुपये की राशि को विभिन्न खातों में फ्रीज कर लिया है।
डिजिटल अरेस्ट का नया हथकंडा
आरोपियों ने रायपुर की आमासिवनी निवासी सोनिया हंसपाल को डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी का शिकार बनाया। ठगों ने खुद को दिल्ली साइबर सेल का अधिकारी बताकर पीड़िता को डराया कि उसके नाम पर कई बैंक खाते खोले गए हैं, जिनका उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग के लिए हो रहा है। व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के जरिए पीड़िता को मानसिक दबाव में रखा गया और धमकाकर 2.83 करोड़ रुपये उनके खातों में ट्रांसफर करवाए गए।
पुलिस की कार्रवाई
पीड़िता की शिकायत के बाद रायपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देशन में रेंज साइबर थाना, एंटी क्राइम यूनिट और विधानसभा थाना की संयुक्त टीम गठित की गई। तकनीकी विश्लेषण और बैंक खातों की पड़ताल के आधार पर चार सदस्यीय पुलिस टीम ने उत्तर प्रदेश में छापेमारी की। गोरखपुर के उंचेर से आकाश साहू (24) और शेर बहादुर सिंह उर्फ मोनू (29), लखनऊ के आलमबाग से अनूप मिश्रा (48) और नीलमत्था से नवीन मिश्रा (41), तथा देवरिया के रुद्रपुर से आनंद कुमार सिंह (35) को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सभी ने ठगी की वारदातों को कबूल किया।
40 से ज्यादा फर्जी कंपनियों का नेटवर्क
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने श्री नारायणी इंफ्रा डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड, श्री गणेशा डेवलपर्स, अर्बन एज इंफ्रा बिल्डकॉम प्राइवेट लिमिटेड, पावन धरा इंफ्रा बिल्डकॉम, स्नो हाइट्स कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और आनंद ट्रेडर्स जैसी 40 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाकर विभिन्न बैंकों में खाते खोले थे। इन खातों के जरिए ठगी की रकम को इधर-उधर किया जाता था और नकद निकासी की जाती थी। आनंद कुमार सिंह पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहक सेवा केंद्र का संचालक था, जिसने अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी खाते खोलने में मदद की।
देशभर में फैला ठगी का जाल
पुलिस के अनुसार, यह गिरोह देश के कई राज्यों में सक्रिय था और फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दे चुका था। रायपुर पुलिस अब अन्य फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है और उनकी संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। नेशनल साइबर क्राइम रिर्पोटिंग पोर्टल पर इस गिरोह से जुड़ी कई शिकायतें दर्ज हैं, जो इसके व्यापक नेटवर्क को दर्शाती हैं।
पुलिस की अपील
रायपुर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स, व्हाट्सएप मैसेज या टेलीग्राम ग्रुप्स के जरिए निवेश या नौकरी के लालच में न आएं। डिजिटल अरेस्ट जैसे नए हथकंडों से सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में करें।
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