CG News
CG News : अंबिकापुर। जनजातीय समाज के महान शिक्षाविद्, समाजसेवी और राष्ट्रनायक बाबा कार्तिक उरांव की जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर सोमवार को अंबिकापुर में भव्य आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने नगर निगम कार्यालय के समीप बनने वाले बाबा कार्तिक उरांव चौक का भूमि पूजन किया और मूर्ति एवं चौक निर्माण के लिए ₹40.79 लाख की राशि देने की घोषणा की।
CG News : मुख्यमंत्री साय ने बाबा कार्तिक उरांव को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वे जनजातीय समाज के गौरव और प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद अपनी धर्म, संस्कृति और परंपराओं से जुड़ाव बनाए रखा। उन्होंने कहा कि बाबा कार्तिक उरांव का यह संदेश “जितना ज्यादा पढ़ेंगे, उतना ही समाज को गढ़ेंगे” आज भी समाज को शिक्षा और विकास की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें उनके आदर्शों पर चलकर समाज के सर्वांगीण विकास का संकल्प लेना चाहिए।
CG News : साय ने कहा कि बाबा कार्तिक उरांव का जीवन समाज सेवा, शिक्षा और जनजागरण के प्रति समर्पण का प्रतीक रहा है। उन्होंने जनजातीय समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बनने वाला चौक बाबा कार्तिक उरांव के विचारों, आदर्शों और योगदान की अमर स्मृति के रूप में आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।
CG News : कार्यक्रम में कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि बाबा कार्तिक उरांव ने अपना पूरा जीवन समाज के उत्थान और जनजागरण के लिए समर्पित किया। उन्होंने समाज की संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं का सम्मान करते हुए लोगों को एकता और प्रगति के पथ पर अग्रसर किया। नेताम ने कहा कि आज आवश्यकता है कि हम उनके बताए मार्ग पर चलकर समाज को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाएं।
CG News : वहीं सांसद चिंतामणि महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि बाबा कार्तिक उरांव ने सदैव शिक्षा, जागरूकता और एकता का संदेश दिया। हमें उनके विचारों को जीवन में उतारकर समाज को संगठित और सशक्त बनाना होगा, जिससे जनजातीय समाज देश के विकास में अपनी भूमिका और अधिक मजबूती से निभा सके।
CG News : इस अवसर पर सामरी विधायक उद्धेश्वरी पैकरा, जशपुर विधायक रायमुनी भगत, और बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, समाजसेवी और नागरिकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह ने बाबा कार्तिक उरांव के आदर्शों और उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।






