
CGPSC Recruitment Scam
CG News: रायपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) घोटाले के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 2021-22 की भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं का पर्दाफाश किया है। सोमवार को सीबीआई ने रिटायर्ड आईएएस जीवन किशोर ध्रुव, उनके बेटे सुमित ध्रुव, पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, निशा कोसले और दीपा आदिल के खिलाफ 1,500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। जांच में सामने आया कि पूर्व सीजीपीएससी चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के भतीजे नीतेश सोनवानी और उनकी बहू निशा कोसले को बिना साक्षात्कार के डिप्टी कलेक्टर नियुक्त किया गया।
CG News: सीबीआई की जांच में पता चला कि नीतेश सोनवानी, जो टामन सिंह सोनवानी के दत्तक पुत्र भी हैं, और निशा कोसले मुख्य साक्षात्कार में शामिल ही नहीं हुए थे, फिर भी उनकी नियुक्ति कर दी गई। जांच से यह भी सामने आया कि साक्षात्कार के दौरान टामन सिंह स्वयं मौजूद थे, जिससे रिश्तेदारी के आधार पर पक्षपात के आरोप लगे। सीजीपीएससी के दस्तावेजों से इस बात की पुष्टि हुई कि चयन प्रक्रिया में हेराफेरी कर रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाया गया। बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान सीजी पीएससी घोटाले का मामला सुर्खियों में था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार बनने के बाद मामले की जांच सीबीआई से कराने का घोषणा की थी। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया।
CG News: 1,500 पन्नों की चार्जशीट
सीबीआई ने हाल ही में पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक, रिटायर्ड आईएएस जीवन किशोर ध्रुव, उनके बेटे सुमित ध्रुव, निशा कोसले और दीपा आदिल को गिरफ्तार किया था। सोमवार को दाखिल 1,500 पन्नों की चार्जशीट में 2021-22 की भर्ती परीक्षाओं में धांधली के आरोप लगाए गए हैं, जिसे सीबीआई की विशेष अदालत ने स्वीकार कर लिया है। इससे पहले सीबीआई ने पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर के निदेशक श्रवण कुमार गोयल को भी गिरफ्तार किया था।
CG News: क्या है CGPSC घोटाला?
सीजीपीएससी घोटाला 2020 से 2022 के बीच डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी जैसे पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षाओं में अनियमितताओं से संबंधित है। आरोप है कि टामन सिंह सोनवानी के रिश्तेदारों और कुछ प्रभावशाली लोगों के करीबियों को गलत तरीके से चयनित किया गया। सीबीआई ने 9 जुलाई 2024 को यह मामला (RC1242024A0004) दर्ज किया था, जो छत्तीसगढ़ सरकार की 16 फरवरी और 10 अप्रैल 2024 की अधिसूचनाओं पर आधारित था। प्राथमिकी में कहा गया है कि तत्कालीन चेयरमैन, सचिव और अन्य अधिकारियों ने 2020-2022 के बीच आयोजित परीक्षाओं और साक्षात्कारों में अपने बच्चों और रिश्तेदारों को चयनित करवाने के लिए हेराफेरी की। 2021 की भर्ती प्रक्रिया में 1,29,206 अभ्यर्थियों ने प्रारंभिक परीक्षा दी, जिनमें से 2,548 मुख्य परीक्षा के लिए चुने गए। इनमें से 509 ने साक्षात्कार चरण पास किया, और 170 को विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया। इस मामले में जांच जारी है, और आगे भी कई खुलासे होने की संभावना है।