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CG News : रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजकीय पशु वन भैंसा (वाइल्ड बफैलो) के संरक्षण और संख्या वृद्धि के लिए वन विभाग ने ठोस कदम उठाए हैं। गुरुवार को नवा रायपुर के आरण्य भवन में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) अरुण कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में वन भैंसा की शुद्ध नस्ल पहचान, जियो-मैपिंग, स्वास्थ्य देखभाल और नए क्षेत्रों में स्थानांतरण की विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई।
CG News : बैठक में डॉ. आर.पी. मिश्रा (WTI) ने बताया कि उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व और बारनवापारा अभयारण्य में प्रजनन के लिए अनुकूल माहौल है। फिलहाल बारनवापारा में 1 नर और 5 मादा वन भैंसे हैं। इनकी सैटेलाइट निगरानी और पूर्णकालिक दो पशु चिकित्सकों की तैनाती का फैसला हुआ। NTCA व नेशनल बोर्ड ऑफ वाइल्डलाइफ से शीघ्र अनुमति लेने के लिए विशेष दल दिल्ली भेजा जाएगा।
CG News : सफल काला हिरण पुनर्स्थापन की मिसाल देते हुए अधिकारियों ने बताया कि 2018 में शुरू हुए प्रोजेक्ट के बाद बारनवापारा में अब लगभग 190 काले हिरण हैं। इस मॉडल को अन्य अभयारण्यों में दोहराने की योजना है। बैठक में WTI, WII, कामधेनु विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों समेत उदंती-सीतानदी, इंद्रावती टाइगर रिजर्व, बारनवापारा, जंगल सफारी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
CG News : वन विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ वन भैंसा और काला हिरण की सबसे सुरक्षित आबादी वाला राज्य बने। इसके लिए वैज्ञानिक प्रबंधन, अंतर-राज्य समन्वय और स्थानीय समुदाय की भागीदारी पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
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