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CG News: बीजापुर। गंगालूर-मितलूर सड़क निर्माण में गड़बड़ी को लेकर बीजापुर पुलिस ने PWD के 2 रिटायर्ड कार्यपालन अभियंता (EE) डी.आर. साहू, वी.के. चौहान, तत्कालीन कार्यपालन अभियंता (EE) एच.एन. पात्र, SDO प्रमोद सिंह कंवर और जगदलपुर सब इंजीनियर संतोष दास को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने यह कार्रवाई पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद शुरू हुई जांच के सिलसिले में की है। SSP चंद्रकांत गवर्ना ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि सड़क निर्माण में भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार के प्रमाण सामने आए हैं।
CG News: पत्रकार की हत्या से खुला भ्रष्टाचार का बड़ा मामला
यह मामला तब सामने आया जब बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की 1 जनवरी को रहस्यमय ढंग से हत्या कर दी गई। वह रात से ही घर से लापता थे और 3 जनवरी को उनका शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के घर में बने एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। पुलिस ने इस मामले में सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया और उसके 2 भाईयों रितेश और दिनेश चंद्राकर के साथ ही एक सुपरवाइज़र महेंद्र रामटेके को भी हिरासत में लिया है।
हत्या की जांच कर रही SIT ने जब मामले की परतें खोलीं तो यह बात सामने आई कि मुकेश चंद्राकर ने नेलसनार-कोड़ोली-मिरतुर-गंगालूर सड़क में भारी भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया था। पत्रकार द्वारा इस सड़क निर्माण में घटिया काम, बजट का दुरुपयोग और स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी को उजागर करने के बाद ही उसकी हत्या की गई थी।
CG News: घोटाले की गहराई में पहुंचे जांचकर्ता
सड़क परियोजना को 2010 में ₹73.08 करोड़ की लागत से स्वीकृति मिली थी। लेकिन सालों बाद भी सड़क की हालत जर्जर बनी हुई थी। स्थानीय लोगों और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सड़क निर्माण में कई स्तरों पर लापरवाही और धन का दुरुपयोग हुआ।
पत्रकार की हत्या के बाद जब पुलिस ने ठेकेदार के साथ-साथ विभागीय कार्यों की जांच शुरू की, तब यह बात सामने आई कि लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारी और इंजीनियर निर्माण कार्यों में सीधे तौर पर संलिप्त थे। दस्तावेजों और निर्माण स्थल की जांच के आधार पर पाया गया कि कई बार निर्माण कार्य अधूरा छोड़ा गया, घटिया सामग्री का उपयोग हुआ और तय मानकों का पालन नहीं किया गया।
CG News: स्थानीय लोगों और पत्रकारों में आक्रोश
इस पूरी घटना ने न केवल बीजापुर, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में आक्रोश फैला दिया है। पत्रकारों ने मुकेश चंद्राकर की हत्या को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया है और दोषियों को कठोरतम सजा देने की मांग की है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण में लापरवाही के कारण उन्हें सालों से भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। खासकर बारिश के दिनों में यह सड़क दलदल बन जाती है, जिससे आवागमन बाधित होता है और दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं।