
CG Crime
CG Crime : पूर्णिया। बिहार के पूर्णिया जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रानीपतरा टेटगामा गांव में रविवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया। अंधविश्वास के चलते एक महादलित परिवार के पांच लोगों को डायन होने के शक में पहले बेरहमी से पीटा गया और फिर जिंदा जला दिया गया। इसके बाद उनके अधजले शवों को बोरे में भरकर गांव के पास घिसरिया बहियार के जलकुंभी से भरे तालाब में फेंक दिया गया।
इस जघन्य हत्याकांड की जानकारी तब सामने आई, जब परिवार के एकमात्र बचे 16 वर्षीय सदस्य सोनू कुमार ने डर के मारे अपने ननिहाल से सुबह 5 बजे पुलिस को फोन कर घटना की सूचना दी। मृतकों की पहचान मसोमात कातो 70 वर्ष, बाबूलाल उरांव 50 वर्ष, उनकी पत्नी सीता देवी 40 वर्ष, बेटा मनजीत कुमार 30 वर्ष और बहू रानी देवी 25 वर्ष के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, गांव में कुछ समय से सीता देवी को डायन बताकर प्रताड़ित किया जा रहा था। हाल के महीनों में गांव में चार-पांच बच्चों की मौत के बाद ग्रामीणों ने इस परिवार को जिम्मेदार ठहराया और अंधविश्वास के चलते इस भयावह कांड को अंजाम दिया।
10 घंटे बाद बच्चे ने खोला राज-
घटना रविवार रात करीब 10 बजे की है, जब 40-50 लोगों की भीड़ ने बाबूलाल उरांव के घर पर धावा बोल दिया। भीड़ ने गाली-गलौज करते हुए पूरे परिवार के साथ मारपीट की और फिर पेट्रोल छिड़ककर सभी को जिंदा जला दिया। अधजले शवों को बोरे में भरकर तालाब में फेंक दिया गया। इस दौरान सोनू कुमार किसी तरह अपनी जान बचाकर ननिहाल भाग गया। सुबह 5 बजे उसने पुलिस को फोन कर इस नृशंस हत्याकांड की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। सोनू ने पुलिस को बताया कि पूरे गांव की संलिप्तता इस वारदात में थी और उसने चार मुख्य आरोपियों के नाम भी बताए।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी-
सूचना मिलते ही पूर्णिया एसपी स्वीटी सहरावत, एसडीपीओ पंकज कुमार शर्मा, और मुफस्सिल थाना प्रभारी उत्तम कुमार घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने शक के आधार पर गांव के नकुल उरांव को हिरासत में लिया, जिसकी निशानदेही पर ट्रैक्टर मालिक सन्नाउल्लाह को भी गिरफ्तार किया गया। दोनों की पूछताछ के बाद पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से तालाब से पांचों शव बरामद किए, जो 80-85% जल चुके थे। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। फोरेंसिक और डॉग स्क्वॉड की टीमें साक्ष्य जुटाने में जुटी हैं। घटना के बाद टेटगामा गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। अधिकांश ग्रामीण गांव छोड़कर फरार हो गए हैं, जिससे पुलिस को जांच में कठिनाई हो रही है।
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