
CG Bilaspur
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CG Bilaspur : बिलासपुर : बिलासपुर_ शहर के सबसे पुराने जनपद प्राथमिक स्कूल जीणोद्धार को मोहताज है वर्षों पुरानी स्कूल आज भी खपरैल छत,दिवार में दरार,टूटे दरवाजो के बीच डर के साये में नन्हे बच्चे जान की बाजी लगाकर शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं। वहीं जिले के कई ऐसे स्कूल भी हैं जो अपने बदहाली के आंसू बहा रहे हैं…
Mahasamund Chhattisgarh : एक ही शिक्षक…कैसे होगी पढ़ाई…बच्चों ने स्कूल में जड़ा ताला….देखें वीडियो
CG Bilaspur : शहर के नगर निगम क्षेत्र सिरगिट्टी के बन्ना चौक में स्थित जनपद प्राथमिक स्कूल का संचालन 1956 में किया गया था इस स्कूल कक्षा पहली से पांचवी तक के बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं।
आजादी के बाद से संचालित हाई स्कूल आज भी उसी स्थिति में है जैसे सन 1956 में था उस दिन से आज तक सिर्फ बरामदे में टिन की छत लगाया गया है। वह भी शिक्षक के स्वयं के खर्च से बाकी आज भी लगने वाले कक्षाएं खपरैल छत के नीचे लग रहे हैं।
छत को ढकने ग्रीन नेट की मदद ली गयी है ताकि खपरैल छत को ढका जा सके।बच्चे जमीन पर बैठकर शिक्षा ग्रहण करने मजबूर हैं।स्कूल में बारिश के दिनों में पानी क्लास के अंदर गिरते रहते है।क्षेत्र सहित आसपास सभी स्कूल भवन है परंतु आदम जमाने की यह स्कूल आज भी
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जीर्णोद्धार को तरस रही है।स्कूल में टूटे दिवारों में सिपेज,दरारें और दरवाजे टूट गए है जो इस बात की तश्दीक करती है कि यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।यही वजह है कि इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे और शिक्षक रोज डर और भय के साये में यहाँ पड़ने और पढ़ाने को मजबूर है।
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इस स्कूल में रोज छोटे छोटे बच्चों की जान खतरे में रहती है. जिम्मेदार गहरी नींद में सोये हुए हैं। शिक्षा के इस मंदिर में बच्चे खतरों के बीच डर के साये में पढ़ाई कर रहे हैं। सिरगिट्टी क्षेत्र के इस जर्जर बदहाल स्कूल भवन में बच्चों को पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
स्थिति ऐसी है कि स्कूल की दीवारो में दरार बढ़ती जा रही है जो कभी भी गिर सकता है और कभी भी बड़ी अनहोनी हो सकती है नगर निगम के इस प्राथमिक स्कूल में कक्षा पहली से लेकर कक्षा पांचवी तक तकरीबन 150 से ज्यादा बच्चे सिर्फ 3 कमरे में ही पढाई करते हैं
जो जर्जर हालत में है और उन्ही में ही क्लास लगती है।क्लास रूम की यहां व्यापक कमी है जिसके कारण शिक्षकों को एक ही कमरे में दो क्लास एक साथ लेनी पड़ती है। इस संबंध में अधिकारियों से जब हमने बातचीत की तो उनका कहना है कि स्कूलों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा गया है जैसे ही राशि स्वीकृत होगी काम शुरू की जाएगी।
जिले के कुल शासकीय-प्राइवेट स्कूल- 1,842
शासकीय प्राथमिक 1,113
हाई स्कूल 123
कुल आत्मानंद स्कूल 34
शासकीय मिडिल 518
हायर सेकेंडरी 104
अंग्रेजी माध्यम 21
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जिले के जर्जर स्कूल आंकड़े
जर्जर स्कूल 761
अति जर्जर 331
भवन विहीन 13
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बहरहाल जिले में कई ऐसे स्कूल है जो जजर्र हो चुके है स्कूल के शिक्षक और जनप्रतिनिधि स्कूल की स्थिति को सुधरवाने विभाग के चक्कर काट चुके है बावजूद इसके अब तक इस ओर किसी प्रकार की पहल नही की गई है।