
Bilaspur High Court मध्यान्ह भोजन में खराब क्वालिटी का भोजन दिए जाने पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
Bilaspur High Court : बिलासपुर : स्कूलों में बच्चों को मध्यान्ह भोजन में घटिया क्वालिटी का भोजन दिए जाने पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने
जिला शिक्षा अधिकारी को इस मुद्दे पर निजी शपथपत्र में जवाब देने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 27 नवम्बर को रखी गई है।
बिलासपुर शहर और जिले के स्कूलों में मध्यान्ह भोजन में दिए जाने वाले चावल-दाल, सब्जी की क्वालिटी बहुत खराब होने की शिकायत आ रही है। इस कारण अधिकांश बच्चों ने सेंट्रल किचन से मिलने वाले
मध्यान्ह भोजन को खाना बंद कर दिया है। कुछ जगहों पर तो इसे जानवरों को खिलाया जा रहा है। कोर्ट ने इस संबन्ध में मीडिया की खबरों पर संज्ञान लिया। कोर्ट ने कहा कि दोपहर में बच्चों को स्कूल में खाना देने की केन्द्र और राज्य
सरकार की मदद से चलने वाली यह योजना शहरी क्षेत्र में दम तोड़ रही है।
शहरी इलाके के करीब एक सौ बीस शासकीय और मान्यता प्राप्त प्रायमरी और मिडिल स्कूलों को मध्यान्ह भोजन
आपूर्ति करने की जिम्मेदारी सेंट्रल किचन को सौंपी गई है। उसका ठेका नगर निगम द्वारा किया गया है, वहीं एमडीएम की राशि का भुगतान बीईओ बिल्हा द्वारा किया जाता है। सेंट्रल किचन को माह में लाखों रूपए का पेमेंट हो रहा है।
इसके बाद भी स्कूली बच्चों को परोसी जाने वाले खाने की क्वालिटी बहुत खराब है। पहले सेंट्रल किचन से बच्चों के लिये अच्छा खाना आता था। शिक्षा अधिकारियों ने जबसे इस पर ध्यान देना बंद किया तब से घटिया किस्म का खाना बच्चों को दिया जा रहा है।
क्वालिटी खराब होने से बच्चे खाने से इंकार कर रहे हैं। इसलिए स्कूल के रसोईए इसे मवेशियों को खिला रहे हैं। इसी वजह से शहर के अधिकांश स्कूलों में मध्यान्ह भोजन के समय जानवरों की भीड़ लगी रहती है, कुछ जगह तो स्कूल के बाहर खाना खुले में भी फेंका जा रहा है।
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