
Bastar Investor Connect 2025
Bastar Investor Connect 2025: रायपुर। छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र, जो कभी नक्सलवाद और उपेक्षा की छाया में रहा, अब निवेश, रोजगार और समृद्धि के नए दौर में कदम रख रहा है। बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट 2025 के तहत ₹967 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 2100 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। यह पहल छत्तीसगढ़ औद्योगिक विकास नीति 2024-30 का हिस्सा है, जो बस्तर को औद्योगिक और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
रेल और सड़क परियोजनाओं से बस्तर की नई पहचान
बस्तर के विकास को गति देने के लिए सरकार ने ₹5200 करोड़ की रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इसमें रावघाट-जगदलपुर नई रेल लाइन (₹3513.11 करोड़) और कोत्तवलसा-किरंदुल (केके रेल लाइन) का दोहरीकरण शामिल है। ये परियोजनाएं न केवल यात्रा, पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देंगी, बल्कि नक्सलवाद उन्मूलन के प्रयासों को भी मजबूती प्रदान करेंगी। इसके अतिरिक्त, ₹2300 करोड़ की सड़क परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें धमतरी-कांकेर-कोंडागांव-जगदलपुर मार्ग का वैकल्पिक रास्ता शामिल है, जो अबूझमाड़, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के बारसूर से होते हुए बीजापुर तक पहुंचेगा। ये सड़कें और रेल नेटवर्क बस्तर को संपर्क, सुरक्षा और आर्थिक प्रगति का प्रतीक बनाएंगे।
स्वास्थ्य और शिक्षा में क्रांतिकारी कदम
बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए जगदलपुर में 350 बेड का पहला निजी मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज स्थापित होगा। रायपुर स्टोन क्लिनिक प्रा. लि. को ₹550 करोड़ के निवेश और 200 रोजगार अवसरों के साथ यह परियोजना सौंपी गई है। इसके अलावा, ₹33 करोड़ के निवेश से एक और मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल और नवभारत इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज द्वारा ₹85 करोड़ के निवेश से 200 बेड का सुपर-स्पेशियलिटी अस्पताल बनेगा। ये परियोजनाएं बस्तर को चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में नया केंद्र बनाएंगी।
कृषि और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा
बस्तर, बीजापुर, नारायणपुर और कोंडागांव में आधुनिक राइस मिल और फूड प्रोसेसिंग इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। नारायणपुर में पार्श्वा एग्रीटेक ₹8 करोड़ के निवेश से प्रतिवर्ष 2400 टन परबॉयल्ड चावल का उत्पादन करेगी, जिससे किसानों को बेहतर मूल्य और युवाओं को रोजगार मिलेगा। बस्तर डेयरी फार्म प्रा. लि. ₹5.62 करोड़ के निवेश से दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देगी, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी में नए अवसर
जगदलपुर में नमन् क्लब एंड वेलनेस सेंटर ₹7.65 करोड़ के निवेश से स्थापित होगा, जो 30 रोजगार अवसर पैदा करेगा। एएस बिल्डर्स एंड ट्रेडर्स और सेलिब्रेशन रिजॉर्ट्स एंड होटल्स जैसी परियोजनाएं बस्तर की प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर ले जाएंगी। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देकर सरकार होटल, इको-टूरिज्म और एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसी परियोजनाओं पर 45% तक सब्सिडी दे रही है।
औद्योगिक और निर्माण क्षेत्र में प्रगति
शंकरा लेटेक्स इंडस्ट्रीज ₹40 करोड़ के निवेश से सर्जिकल ग्लव्स निर्माण इकाई स्थापित करेगी, जिससे 150 लोगों को रोजगार मिलेगा। पीएस ब्रिक्स और महावीर माइन्स एंड मिनरल्स जैसी कंपनियां ईंट और स्टोन क्रशर उद्योग में निवेश कर रही हैं। कांकेर, भानुप्रतापपुर और कोंडागांव में वेयरहाउसिंग और कोल्ड स्टोरेज इकाइयां स्थापित हो रही हैं, जो किसानों की उपज को सुरक्षित रखेंगी। माँ दंतेश्वरी वेनियर्स और अली फर्नीचर जैसी इकाइयां पारंपरिक कारीगरी को आधुनिक बाजारों से जोड़ रही हैं।
पीएमएफएमई और पीएमईजीपी योजनाओं से सशक्तिकरण
प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज (पीएमएफएमई) योजना के तहत कांकेर, बस्तर और कोंडागांव के उद्यमियों को ₹49.50 लाख की वित्तीय सहायता दी गई है। इसमें कांकेर के मुकेश खटवानी को ₹35 लाख, बस्तर की योगिता वानखेड़े को ₹5 लाख और कोंडागांव की रागिनी जायसवाल को ₹14.50 लाख की स्वीकृति शामिल है।
इसी तरह, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के तहत कांकेर, बस्तर और कोंडागांव के उद्यमियों को ₹94.50 लाख की सहायता दी गई है। कांकेर के हरीश कोमरा को रेडीमेड गारमेंट्स के लिए ₹9 लाख, सुरेश बघेल को हार्वेस्टर के लिए ₹20 लाख, बस्तर के चंद्रशेखर दास को टेंट हाउस के लिए ₹8.80 लाख और रेवेन्द्र राणा को मोबाइल रिपेयरिंग के लिए ₹7.50 लाख का अनुदान मिला। कोंडागांव के सुरेश कुमार देवांगन को ट्रैक्टर-ट्रॉली निर्माण के लिए ₹50 लाख स्वीकृत किए गए।
नक्सल उन्मूलन और पुनर्वास
दिसंबर 2023 से अब तक 453 नक्सली मारे गए, 1611 गिरफ्तार हुए और 1636 ने आत्मसमर्पण किया। 65 नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं, और सड़क, पुल व मोबाइल नेटवर्क के विकास ने नक्सल उन्मूलन को मजबूती दी है। सरकार का लक्ष्य मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करना है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीति के तहत ₹10,000 मासिक सहायता, जमीन और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नक्सल-मुक्त गांवों के लिए ₹1 करोड़ तक की विकास योजनाएं स्वीकृत की जाएंगी।
सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण
तेंदूपत्ता संग्राहकों की खरीदी दर को ₹4000 से बढ़ाकर ₹5500 प्रति मानक बोरा किया गया है, जिससे 52 लाख संग्राहक लाभान्वित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 90,273 युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, जिनमें से 39,137 को रोजगार मिला। सुरक्षा शिविरों के 10 किमी दायरे में 81,090 आधार कार्ड, 49,239 आयुष्मान कार्ड, 5,885 किसान सम्मान निधि लाभ, 2,355 उज्ज्वला कनेक्शन और 98,319 राशन कार्ड जारी किए गए।
औद्योगिक नीति 2024-30: बस्तर का भविष्य
छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024-30 के तहत बस्तर में ₹1000 करोड़ से अधिक निवेश या 1000 से अधिक रोजगार सृजित करने वाली परियोजनाओं को विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे। फार्मा, कृषि-प्रसंस्करण, टेक्सटाइल, आईटी, एयरोस्पेस और पर्यटन जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। एससी/एसटी उद्यमियों और नक्सल प्रभावित परिवारों को 10% अतिरिक्त सब्सिडी, और आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने वाली इकाइयों को 40% वेतन सब्सिडी (₹5 लाख तक प्रतिवर्ष, 5 वर्षों तक) मिलेगी।