
Basant Panchami 2025
Basant Panchami 2025 : बसंत पंचमी हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन विद्या, ज्ञान, और कला की देवी मां सरस्वती की आराधना के लिए समर्पित होता है।
इस साल, बसंत पंचमी का पर्व 3 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन पूरे दिन रेवती नक्षत्र रहेगा, जो इस पर्व को और भी शुभ बनाता है।
बसंत पंचमी की तिथि और शुभ मुहूर्त
बसंत पंचमी 2025 को लेकर लोगों के मन में सवाल था कि यह पर्व 2 फरवरी को मनाया जाएगा या 3 फरवरी को। पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी तिथि 2 फरवरी को दोपहर से शुरू होकर 3 फरवरी को समाप्त होगी। इसलिए 3 फरवरी को सरस्वती पूजा करना सबसे शुभ माना गया है।
- पंचमी तिथि प्रारंभ: 2 फरवरी 2025, दोपहर 2:45 बजे।
- पंचमी तिथि समाप्त: 3 फरवरी 2025, दोपहर 12:50 बजे।
- सरस्वती पूजन का शुभ समय: 3 फरवरी 2025 को सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक।
बसंत पंचमी का महत्व
- मां सरस्वती की पूजा:
इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है, जिन्हें ज्ञान, संगीत, और कला की देवी माना जाता है। सरस्वती पूजा के दौरान मां सरस्वती के साथ भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी, नवग्रह, पुस्तकों, लेखनी, और वाद्य यंत्रों की भी पूजा की जाती है। - शुभ कार्यों की शुरुआत:
बसंत पंचमी को विवाह, गृह प्रवेश, और नई चीजों की खरीदारी के लिए बेहद शुभ माना जाता है। यह दिन शिक्षा और कला से जुड़े लोगों के लिए विशेष होता है। - विद्यार्थियों के लिए खास दिन:
इस दिन विद्यार्थियों को मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए और पढ़ाई की शुरुआत करनी चाहिए। यह माना जाता है कि इस दिन पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है।
बसंत पंचमी के दिन क्या करें?
- पीले वस्त्र पहनें:
पीला रंग बसंत पंचमी का प्रतीक है, जो समृद्धि और सकारात्मकता का प्रतीक है। - मां सरस्वती की आराधना करें:
मां सरस्वती को पीले फूल, सफेद वस्त्र, और मिष्ठान अर्पित करें। - दान और भोग:
इस दिन दान करना और भगवान को भोग लगाना शुभ माना जाता है। - नई शुरुआत करें:
बसंत पंचमी के दिन नया काम शुरू करना शुभ होता है।
रेवती नक्षत्र का महत्व
2025 में बसंत पंचमी के दिन रेवती नक्षत्र का संयोग बन रहा है, जो इसे और भी शुभ बनाता है। यह नक्षत्र समृद्धि, ज्ञान और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और सफलता प्राप्त होती है।
बसंत पंचमी 2025 को 3 फरवरी के दिन मनाई जाएगी। इस दिन मां सरस्वती की पूजा के साथ ही शुभ कार्यों की शुरुआत करें। रेवती नक्षत्र और पंचमी तिथि का यह संयोग इस दिन को और भी पवित्र और फलदायी बनाता है।
ज्ञान, समृद्धि और शांति के लिए इस दिन मां सरस्वती की आराधना जरूर करें।
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