
Bakrid 2024
Bakrid 2024
Bakrid 2024 : ईद उल फितर के बाद आता है ईद उल अजहा का त्योहार। इस्लाम धर्म में बकरीद का खास महत्व है। इसे कुर्बानी का त्यौहार भी कहा जाता है। बकरीद से लेकर तीन दिन तक लोग कुर्बानी देते हैं।
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Bakrid 2024 : ईद-उल-अजहा का त्योहार 17 जून को मनाया जाएगा।जिसको लेकर आज शहर के निवायां स्थित बकरा मंडी बाजार मे बकरा खरीदने वाले व्यापारियों की भारी भीड़ देखने को मिली..
बकरा खरीदने के लिए 15 जिलों के आए व्यापारियों ने खरीदारी की।इस दौरान मंडी के सीक्रेटी ऊबैदु रहमान ने बताया कि आज आजमगढ़,मऊ,गोरखपुर, बस्ती, खलीलाबाद, बाराबंकी,सुल्तानपुर,प्रतापगढ़ तमाम शहरों के व्यापारी यहां पर बकरे खरीदारी किए है।
जिसमे लगभग 40,000 तक बकरा बिका है।बकरीद दिन कुर्बानी की जाएगी। आपको बता दें कि इस्लाम धर्म की मान्यताओं के मुताबिक एक बार अल्लाह ने पैगंबर हजरत इब्राहिम के सपने में आकर उनसे उनकी एक प्यारी चीज मांगी।
Bakrid 2024
अल्लाह ने कहा कि पैगंबर हजरत इब्राहिम अपने सबसे प्यारी चीज कुर्बान करें। पैगंबर हजरत इब्राहिम अपने बेटे को बहुत प्यार करते थे, इसलिए उन्होंने अल्लाह के लिए अपने बेटे को कुर्बान करने का फैसला लिया।
उनसे वो मंजर देखा नहीं जाता , इसलिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली। उन्होंने जिससे उनका पुत्र मोह आल्हा की राह में बाधा नहीं बने।
इसके बाद उन्होंने अपने बेटे की कुर्बानी दे दी, लेकिन जैसे ही उन्होंने अपनी आंखों से पट्टी हटाई तो देखा उनका बेटा इस्माइल सही सलामत था और उसकी जगह एक दुम्ब अर्थात भेड़ कुर्बान हो गया था। तभी से लोग इस दिन बकरे की कुर्बानी देते हैं।
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