
Apache Combat Helicopters
Apache Combat Helicopters: नई दिल्ली: भारतीय सेना की मारक क्षमता को नई ऊंचाइयां देने के लिए अमेरिका से बोइंग AH-64E अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की पहली खेप भारत पहुंच चुकी है। इन अत्याधुनिक हेलीकॉप्टरों को राजस्थान के जोधपुर में तैनात किया जाएगा, जो भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। ‘आसमान का टैंक’ कहे जाने वाले ये हेलीकॉप्टर भारतीय सेना की युद्धक क्षमता और रणनीतिक ताकत को और मजबूत करेंगे।
पहली खेप में तीन हेलीकॉप्टर
मंगलवार को बोइंग ने भारतीय सेना को तीन AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर सौंपे। ये 5,691 करोड़ रुपये (लगभग 600 मिलियन डॉलर) के सौदे के तहत खरीदे गए छह हेलीकॉप्टरों का हिस्सा हैं, जिस पर 2020 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षर हुए थे। शेष तीन हेलीकॉप्टर नवंबर 2025 तक भारत पहुंच जाएंगे। सेना के अधिकारियों के अनुसार, इन हेलीकॉप्टरों की तैनाती जोधपुर में होगी, जहां 451 एविएशन स्क्वाड्रन पहले से ही इनके लिए तैयार है। भारतीय वायुसेना (IAF) पहले से ही पठानकोट और असम के जोरहाट में 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के साथ दो स्क्वाड्रन संचालित कर रही है, जिनकी डिलीवरी 2015 के 3.1 बिलियन डॉलर के सौदे के तहत 2020 में पूरी हुई थी।
अपाचे की खासियतें
AH-64E अपाचे, जिसे ‘अपाचे गार्जियन’ भी कहा जाता है, दुनिया का सबसे उन्नत मल्टी-रोल लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। यह अत्याधुनिक तकनीकों से लैस है –
नाइट विजन सिस्टम: रात में ऑपरेशन और खराब मौसम में हमले की क्षमता।
हथियार: 16 AGM-114 हेलफायर मिसाइलें, स्ट्रिंगर एयर-टू-एयर मिसाइलें, और 30 मिमी की M230 ऑटोमैटिक चेन गन, जो 625 राउंड प्रति मिनट की रफ्तार से टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट कर सकती है।
रडार और सेंसर: AN/APG-78 लॉन्गबो रडार और मॉडर्नाइज्ड टारगेट एक्विजिशन सिस्टम (MTADS), जो किसी भी मौसम में 128 टारगेट्स को ट्रैक और 16 को एक साथ निशाना बना सकता है।
गति और ऊंचाई: 280 किमी/घंटा की अधिकतम रफ्तार और 21,000 फीट तक की उड़ान क्षमता।
सेमी-स्टेल्थ: दुश्मन के रडार से बचने की क्षमता और ड्रोन कंट्रोल सिस्टम, जैसे MQ-1C ग्रे ईगल के साथ समन्वय।
ये दो पायलटों वाला हेलीकॉप्टर थलसेना और वायुसेना को संयुक्त अभियानों में बेहतर समन्वय और ताकत प्रदान करता है।
डिलीवरी में देरी का कारण
इन हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी में 15 महीने से अधिक की देरी हुई। मूल रूप से मई-जून 2024 में डिलीवरी होनी थी, लेकिन वैश्विक सप्लाई चेन की समस्याओं और तकनीकी मुद्दों, जैसे इलेक्ट्रिकल पावर जनरेटर में खराबी, ने इसे दिसंबर 2024 और फिर जुलाई 2025 तक टाल दिया। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ के बीच जुलाई 2025 में हुई बातचीत के बाद डिलीवरी को तेज किया गया।
The first batch of Apache attack Helicopters for the Indian Army has reached India. The choppers will be deployed in Jodhpur by the Indian Army: Indian Army officials
(Pics source: Indian Army) pic.twitter.com/u1u1Qwi56m
— ANI (@ANI) July 22, 2025
यूक्रेनी विमान से डिलीवरी
तीन अपाचे हेलीकॉप्टरों को यूक्रेन की एंटोनोव एयरलाइंस के AN-124 रुसलान विमान के जरिए अमेरिका के मेसा, एरिजोना से हिंडन एयर बेस लाया गया। इस विमान पर “बी ब्रेव लाइक बुचा” लिखा था, जो दुनिया का सबसे बड़ा सैन्य परिवहन विमान है।
जोधपुर में रणनीतिक तैनाती
जोधपुर में अपाचे हेलीकॉप्टरों की तैनाती भारत-पाकिस्तान सीमा के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। ये हेलीकॉप्टर सेना के स्ट्राइक कोर को एविएशन कवर प्रदान करेंगे और दुश्मन के ठिकानों, खासकर बख्तरबंद वाहनों और टैंकों, को तेजी से नष्ट करने की क्षमता बढ़ाएंगे। 451 एविएशन स्क्वाड्रन, जिसे मार्च 2024 में जोधपुर के नगतलाव में स्थापित किया गया था, अब इन हेलीकॉप्टरों के साथ पूरी तरह से ऑपरेशनल होने की दिशा में बढ़ रहा है।
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