
15 दिसंबर को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके भारत दौरे पर आएंगे, जो उनके राष्ट्रपति बनने के बाद एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह यात्रा भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत बनाने की दिशा में एक अहम अवसर प्रदान करेगी। इस दौरे में दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण बातचीत की संभावना है।
भारत और श्रीलंका के बीच व्यापारिक संबंध पहले से ही मजबूत हैं, लेकिन राष्ट्रपति दिसानायके के दौरे से इन संबंधों को और अधिक विस्तार मिलने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौतों, कस्टम्स पॉलिसी, और डिजिटल लेन-देन के अवसरों पर बातचीत की जा सकती है। इससे व्यापारिक प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक समृद्धि के द्वार खुलेंगे।
सामरिक दृष्टिकोण से भी यह यात्रा महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग, समुद्री सीमा प्रबंधन, और साझा समुद्री रणनीति जैसे विषयों पर भी चर्चा की संभावना है। श्रीलंका और भारत की समुद्री सीमाएं साझा हैं, और इन सीमाओं की सुरक्षा को लेकर रणनीतिक योजना की आवश्यकता है। यह दौरा इस दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
डिजिटल अवसंरचना के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच कई परियोजनाओं की संभावना है। भारत की डिजिटल इंडिया योजना और श्रीलंका के विकास प्रयासों के बीच सहयोग से डिजिटल लेन-देन, इलेक्ट्रिक कनेक्टिविटी, और तकनीकी उन्नति के कई पहलुओं में सुधार हो सकता है। इस से न केवल डिजिटल साक्षरता बल्कि रोजमर्रा के जीवन में तकनीकी सुविधाओं की उपलब्धता भी बढ़ेगी।
संस्कृतिक दृष्टिकोण से भी भारत और श्रीलंका के बीच गहरे रिश्ते हैं। दोनों देशों के साहित्य, कला, संगीत, फिल्म उद्योग, और पर्यटन क्षेत्रों में आदान-प्रदान से सांस्कृतिक समझ और दोस्ती को बढ़ावा मिलेगा। इससे न केवल पर्यटन उद्योग को फायदा होगा, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से आपसी समझ भी मजबूत होगी।