
Amitabh Bachchan Birthday बच्चन को अमिताभ हो चुका है
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Spinal Tuberculosis Symptoms And Causes: बॉलीवुड के शहंशाह आज यानी 10 अक्टूबर को अपना 81वां बर्थडे मना रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचकर जहां लोग अपनी रिटायरमेंट लाइफ की बात कर रहे होते हैं, वहीं सदी के महानायक अमिताभ बच्चन बिना चेहरे पर शिकन लाए एनर्जी के साथ काम करते हुए नजर आते हैं। अमिताभ बच्चन की रील लाइफ के बारे में तो ज्यादातर सभी लोग जानते हैं लेकिन अपनी रियल लाइफ में भी बिग बी किसी फाइटर से कम नहीं हैं। जी हां, अमिताभ ने अपनी लाइफ में कई बीमारियों को मात दी है। सुनकर हो सकता है बिग बी के कई फैंस को हैरानी हो कि उनके लिवर का 75 प्रतिशत हिस्सा डैमज हो चुका है। उन्हें हेपेटाइटिस बी, अस्थमा, मियासथीनिया ग्रेविस नाम की बीमारी भी हो चुकी है। इसके अलावा अपने एक शो के दौरान खुद अमिताभ बच्चन ने फैंस को बताया कि उन्हें स्पाइनल टीबी भी हो चुका है। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर क्या होता है स्पाइनल टीबी, क्या हैं इसके लक्षण और कारण।
टीबी बेहद गंभीर और संक्रामक रोग है, जो जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के कारण होता है। ज्यादातर युवा लोग इस स्पाइन टीबी के शिकार बनते हैं। टीबी रोग मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन कुछ मामलों में यह शरीर के अन्य भागों में भी फैल सकता है। हड्डी की टीबी तब होती है, जब व्यक्ति को ट्यूबरकुलोसिस पहले से ही हो और यह फेफड़ों के बाहर फैल जाए। टीबी होने पर यह फेफड़ों या लिम्फ नोड्स से रक्त के माध्यम से हड्डियों, रीढ़ या जोड़ों में पहुंच सकता है। दूसरे शब्दों में समझें तो रीढ़ की हड्डी में होने वाला टीबी इंटर वर्टिबल डिस्क में शुरू होता है, जिसके बाद रीढ़ की हड्डी में फैलता है। यदि पीड़ित को समय पर सही इलाज नहीं मिलता तो वह अपाहिज भी हो सकता है।
आमतौर पर टीबी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सांस द्वारा फैलता है। ऐसे में जब व्यक्ति टीबी के बैक्टीरिया माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस के संपर्क में आता है तो यह मुंह, सांस के जरिए नाक से होते हुए फेफड़ों तक पहुंच जाता है। जब यह बैक्टीरिया फेफड़ों से लिम्फ नोड्स या हड्डियों तक फैल जाता है तो व्यक्ति को रीढ़ की हड्डी का टीबी हो जाता है। कई बार कमजोर इम्यूनिटी होने के कारण भी माइकोबैक्टीरियम बैक्टीरिया आपको टीबी से ग्रस्त कर सकता है।
रीढ़ की हड्डी में सूजन, दर्द, पीठ में दर्द, सूजन महसूस होने पर डॉक्टर से सपंर्क करें। जिसके बाद डॉक्टर रोगी को ब्लड टेस्ट, एक्सरे, सीटी-एमआरआई, नीडल बायोप्सी करवाने के लिए कह सकता है। स्पाइनल टीबी की पुष्टि होने पर दवाएं देने के साथ और एंटी-ट्युबरक्युलर थेरेपी होती है।
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