
Igla-S Missile Launcher: मास्को/नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बीच भारत के सबसे बड़े रक्षा पार्टनर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी दोस्त राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दोस्ती निभाई। सेना को रूसी मूल की Igla-S मिसाइलों की नई खेप मिल चुकी है, जो अब बॉर्डर पर फॉरवर्ड लोकेशनों में तैनात की जा रही है। इन मिसाइलों की खासियत है कि ये दुश्मन के लड़ाकू विमान, हेलिकॉप्टर और ड्रोन को बेहद कम दूरी से भी मार गिराने में सक्षम हैं।
Igla-S Missile Launcher: भारतीय सेना को मिली ये मिसाइलें बहुत कम दूरी के एयर डिफेंस सिस्टम का हिस्सा हैं। करीब 260 करोड़ रुपये की लागत से हुई यह खरीद भारत सरकार की आपातकालीन खरीद नीति के तहत की गई है। सेना ने इसी के तहत अब 48 लॉन्चर और 90 और मिसाइलें खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। बता दें कि सेना पहले से ही इस प्रणाली के पुराने वर्जन का इस्तेमाल कर रही थी।
Igla-S Missile Launcher: IGLA-S मिसाइलों की खासियत
Igla-S मिसाइलें इंफ्रारेड टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं।अब नए संस्करण से हवाई खतरों से निपटने की क्षमता कई गुना बढ़ेगी। Igla-S इन्फ्रारेड (आईआर) सीकर पर आधारित है, यानी यह दुश्मन के एयरक्राफ्ट के इंजन की गर्मी को ट्रैक करके निशाना बनाती है, जिससे इसे रडार से पकड़ना कठिन होता है। इसकी रेंज करीब 6 किलोमीटर तक है, यानी यह कम ऊंचाई पर 6 किमी दूर तक किसी भी लक्ष्य को गिरा सकती है। यह मिसाइल लगभग 3.5 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर उड़ रहे टारगेट को निशाना बना सकती है।
Igla-S Missile Launcher: चलाने में आसान और हल्की
यह कंधे पर ले जाने योग्य सिस्टम है, जिसे कठिन इलाकों में आसानी से ले जाया जा सकता है और कुछ सेकंड में ऑपरेशन के लिए तैयार किया जा सकता है। Igla-S में प्रॉक्सीमिटी फ्यूज भी होता है, जो टारगेट से सीधे न टकराने पर भी उसे निष्क्रिय करने में सक्षम होता है। यह प्रणाली खासकर ड्रोन व UAVs से निपटने में बेहद असरदार मानी जाती है, जो कि आधुनिक युद्ध की सबसे बड़ी चुनौती बन चुके हैं। इसके रख-रखाव और तैनाती की लागत अपेक्षाकृत कम है और यह कई युद्धों में कारगर साबित हुई है।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT - Voice of People
Subscribe to get the latest posts sent to your email.